Udaipur पिंजरे में घुसने के बाद भी पकड़ से बचा तेंदुआ, लोगों में दहशत

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर के आबादी इलाके में करीब 17 दिन से लेपर्ड का मूवमेंट है। ज्यादातर लेपर्ड को रात के समय देखा गया है। वन विभाग ने यहां एक पिंजरा भी लगाया है लेकिन चालाक लेपर्ड जाल में नहीं फंस रहा। हाल में सोमवार रात वापस लेपर्ड पिंजरे के अंदर तक गया। कुछ ही सेकंड में खतरा भांपते हुए बाहर आ गया।सीसीटीवी में लेपर्ड देखा गया है। उदयपुर शहर के फतहसागर झील के पास स्थित नीमचमाता-देवाली इलाके है। यहां परशुराम कॉलोनी में लेपर्ड का मूवमेंट है। यहां आस-पास नीमचमाता का पहाड़ी और जंगली इलाका है, जिससे लेपर्ड के आने की संभावना बनी रहती है।
घर से बाहर निकलने में डरते लोग
परशुराम कॉलोनी के लोगों में लेपर्ड के कारण डर बना है। यहां 22 दिसम्बर 2024 से लेपर्ड का मूवमेंट है। लोगों का कहना है- लेपर्ड रात के समय देखा गया है लेकिन दिन में भी बाहर निकलने में डर लगता है। हालांकि वन विभाग ने पिंजरा लगाया है लेकिन अब तक उसमें कैद नहीं हुआ है।
पिंजरे के अंदर जाकर वापस बाहर आया लेपर्ड
लेपर्ड के मूवमेंट के बाद वन विभाग ने यहां पिंजरा लगाया हुआ है। आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों में उसका मूवमेंट नजर आता है। सोमवार रात 8.46 बजे और 10.49 बजे के दो फुटेज में लेपर्ड नजर आया है। फुटेज में नजर आया कि लेपर्ड पिंजरे के पास जाता है। उसके आस-पास घूमते हुए अचानक पिंजरे के अंदर घुस जाता है। पिंजरा बंद होता उससे पहले ही बाहर निकलकर आ जाता है। चालाक लेपर्ड को अपने कैद होने का आभास हो गया था।
आस-पास नीमचमाता का पहाड़ी और जंगली इलाका
कॉलोनी में 8 दिन पहले भी लेपर्ड का सीसीटीवी सामने आया था। यहां आस-पास नीमचमाता का पहाड़ी और जंगली इलाका है। इसके अलावा फतहसागर झील का देवाली इलाका है। लेपर्ड का इस पहाड़ी क्षेत्र में मूवमेंट रहता है। झील के वहां पर प्यास बुझाने भी आता है।