उदयपुर को मिली बड़ी सौगात! शहर की पहली एलिवेटेड रोड 100 पिलर पर होगी तैयार, यहां पढ़े पूरी रिपोर्ट

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - उदयपुर शहर में बढ़ते यातायात दबाव को कम करने के लिए पहली एलिवेटेड रोड बनने जा रही है। एलिवेटेड रोड सालों से सपना था, लेकिन विवादों की भेंट चढ़ गया। अब एलिवेटेड रोड का काम शुरू हो गया है। इसके बनने के बाद उदयपुर शहर के सिटी रेलवे स्टेशन के पहले से वाहन एलिवेटेड रोड पर चढ़ेंगे, जो सीधे कोर्ट चौराहे से आगे उतरेंगे। इससे बीच में आने वाले चार चौराहों से सीधे आगे निकल जाएंगे। इसका मकसद यह है कि जो आगे जाना चाहेगा, उसे शहर के जाम और चौराहों से रोका नहीं जाएगा।
पढ़ें उदयपुर में बन रही एलिवेटेड रोड की रिपोर्ट-
सिटी रेलवे स्टेशन से आगे नटराज रेस्टोरेंट से पहले शिवाजी नगर कम्युनिटी सेंटर जाने वाले मोड़ पर पिलर खुदाई का काम शुरू हो गया है। 25-25 मीटर की दूरी पर पिलर बनाए जा रहे हैं और यहां दो पिलर खोदे जा चुके हैं। अब इन्हें बनाया जाएगा।
जहां पिलर खोदे गए हैं, वहां वाहनों के लिए जगह कम है
इन दोनों जगहों पर खुदाई के बाद पिलर बनाने का काम किया जा रहा है। इससे दोनों ओर की सड़क संकरी हो गई है। इससे उदियापोल से सिटी रेलवे स्टेशन जाने वाले 35-40 हजार वाहनों को सुबह-शाम जाम का सामना करना पड़ता है। नगर निगम की ओर से काम कर रही एजेंसी ने काम चल रहे क्षेत्र को कवर कर लिया है और सड़क के दोनों ओर बैरिकेड्स लगा दिए हैं, ताकि कोई दुर्घटना न हो।
पहले मिट्टी की जांच कराई गई
सिटी रेलवे स्टेशन से कलेक्टर बंगले तक बनने वाले एलिवेटेड रोड के लिए एजेंसी ने पहले मिट्टी जांच रिपोर्ट के लिए एक महीने तक काम किया। इसके तहत आई रिपोर्ट में जमीन को पथरीला बताया गया और एलिवेटेड रोड के लिए बनाए जाने वाले पिलर के लिए उपयुक्त बताया गया और इसके बाद पिलर खोदने का काम शुरू किया गया।
अस्पताल रोड पर उतरेगा एक हिस्सा
सिटी स्टेशन से कोर्ट चौराहे तक एलिवेटेड रोड के पूरे रूट पर 17-17 फीट के 100 पिलर लगाए जाएंगे, इंजीनियरों का कहना है कि पिलर की संख्या 100 से 102 के बीच हो सकती है। एलिवेटेड रोड सिटी स्टेशन के सामने से शुरू होगी और इस पर चलने वाले वाहन बंशीपावन पर उतरेंगे। इससे पहले कोर्ट चौराहे पर अस्पताल रोड पर जाने के लिए रास्ता दिया गया था। इससे वाहन अस्पताल, चेतक सर्किल, हाथीपोल और फतेहसागर की ओर जा सकेंगे।
एलिवेटेड पर इतना आएगा खर्च
एलिवेटेड रोड पर करीब 136.89 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें उदयपुर नगर निगम 47.91 करोड़ रुपए, उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) 61.60 करोड़ रुपए और राज्य सरकार 27.38 करोड़ रुपए खर्च करेगी। 14 दिसंबर 2024 को एलिवेटेड के काम का उद्घाटन पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने किया था।
यह होगा एलिवेटेड रोड का रूट
सिटी स्टेशन से आगे एलिवेटेड रोड पर चढ़ना होगा। इसके बाद इसका रूट उदयपोल, सूरजपोल, टाउनहॉल रोड, दिल्ली गेट, कलेक्ट्री रोड, कोर्ट चौराहा, कलेक्ट्री बंगला और आगे बंशीपान पर उतरेगा।
वाहन चालक इन चौराहों से बचेंगे
सिटी स्टेशन से आते समय उदयपोल चौराहा आता है। यहां कोई ट्रैफिक लाइट नहीं है, लेकिन चौराहा पार करने के बाद सूरजपोल चौराहा तक जाम की स्थिति रहती है और यहां से जाते समय मेवाड़ मोटर्स की गली के बाहर से उदयपोल चौराहा तक जाम की स्थिति रहती है।सूरजपोल चौराहा पर भी कोई ट्रैफिक लाइट नहीं है, लेकिन पूरा बड़ा मोड़ लेने के बाद टाउनहॉल रोड पर जाना पड़ता है। मोड़ पर जाम लगता है और आगे मच्छी कट और टाउनहॉल पर नगर निगम कट पर जाम लगता है।दिल्ली गेट चौराहा पर ट्रैफिक लाइट होने के कारण वहां रुकना पड़ता है और वहां से कोर्ट चौराहा तक जाम जैसी स्थिति रहती है। एलिवेटेड रोड बनने के बाद वाहन इन चौराहों को पार किए बिना सीधे आगे बढ़ जाएंगे।
इतना है ट्रैफिक जाम का दबाव
एलिवेटेड रोड बनाने से पहले नगर निगम ने सर्वे कराया था, जिसमें पता चला कि उदियापोल से कलेक्टर बंगले तक रोजाना करीब 69 हजार 268 वाहनों का दबाव रहता है। सिटी रेलवे स्टेशन से कोर्ट चौराहे तक ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने में एलिवेटेड रोड काफी मददगार साबित होगी।
जानिए टू लेन एलिवेटेड रोड के बारे में
उदयपुर शहर के सिटी रेलवे स्टेशन से लेकर कोर्ट चौराहे पर कलेक्टर बंगले से आगे बंशी पान तक 2.7 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। निर्माण के लिए नगर निगम उदयपुर ने 179.14 करोड़ का टेंडर जारी किया था। डीपीआर में अनुमानित लागत 208 करोड़ रुपए आंकी गई थी। टेंडर में 12 एजेंसियों ने हिस्सा लिया था। सबसे कम दर वाली एजेंसी ट्रांसरेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने इसे 136.89 करोड़ में बनाने पर सहमति जताई। एलिवेटेड रोड को 2 साल में बनाना होगा।
विधायक बोले- जनता को नहीं होने देंगे कोई परेशानी
उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि एलिवेटेड रोड के लिए बनाए जा रहे पिलर सड़क के बीचोंबीच बनाए जा रहे हैं, ताकि दोनों तरफ बराबर जगह मिले, जिससे रूटीन ट्रैफिक जाम न हो और लोग आसानी से निकल सकें।