Udaipur दो साल में जिले में 12.37 वर्ग किमी नया जंगल तैयार, पहली बार 61.27 वर्ग किमी क्षेत्र घना

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर प्रदेश में सबसे ज्यादा वनक्षेत्र वाले उदयपुर जिले के लिए एक सुखद खबर है। इंडियन फाॅरेस्ट सर्वे की 2023 की रिपाेर्ट के अनुसार उदयपुर में वर्ष 2021 की तुलना में वन क्षेत्र का एरिया 12.37 वर्ग किमी बढ़ा है। खास बात यह है कि बढ़ा हुआ क्षेत्र प्राकृतिक जंगल है। इस तरह जिले में दाे साल में वन क्षेत्र 2753.93 वर्ग किमी से बढ़कर 2,766.30 वर्ग किमी हाे गया है।इधर, जिले में दाे साल पहले तक काेई घना जंगल नहीं था। इस बार 61.27 वर्ग किमी क्षेत्र में घना जंगल तैयार हाे गया है। हालांकि मध्यम श्रेणी का घना जंगल घटा है। यह पहले 1212.93 वर्ग किमी था, जाे अब घटकर 1123.72 वर्ग किमी रह गया है। यानी की 89.23 वर्ग किमी घटा है। सुखद यह है कि मध्यम श्रेणी घना जंगल से एरिया घने जंगल में तब्दील हुआ है।
चुनौती...जंगल की दुश्मन वनस्पति भी बढ़ी, इसे राेकना जरूरी
जिले में ओपन फाॅरेस्ट यानी की स्क्रैप जंगल का एरिया भी बढ़ा है। वर्ष 2021 में ओपन फाॅरेस्ट 1540.46 वर्ग किमी एरिया में था, जाे वर्ष 2023 में बढ़कर 1,581.31 वर्ग किमी हाे गया है। यानी की दाे साल में 40.85 वर्ग किमी एरिया में जंगल बढ़ा है।
ओपन फाॅरेस्ट का एरिया बढ़ना जंगल के लिए सही नहीं है। इस तरह के जंगल में जूली फ्लाेरा और लैंटाना पाया जाता है। यह दाेनाें प्रजाति के पेड़ जंगल में अन्य प्रजातियों के पाैधाें काे बढ़ने से राेकते हैं। इन्हें काेई भी जानवर खाता नहीं है। जूली फ्लाेरा और लैंटाना के पाैधे बहुत तेजी से बढ़ते हैं। इन्हें समय रहते राेकने की जरूरत है। बता दें कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से हर दाे साल में इंडियन फाॅरेस्ट सर्वे रिपाेर्ट तैयार की जाती है।
वन क्षेत्र बढ़ने से फायदा
जंगल का एरिया बढ़ने से ज्यादा मात्रा में साफ हवा मिलेगी।
ग्रामीण जंगल से ज्यादा मात्रा में वन उत्पाद काे जमा कर सकेंगे।
वनों का वर्षा लाने में बहुत बड़ा हाथ होता है। जल कणों को बर्षा की बूंदों में परिवर्तित करते है।
ग्लोबल वार्मिंग नियंत्रित करते हैं।
जंगल के बढ़ने से मृदा और जल सरंक्षण दाेनाें हाेगा।
वन्यजीवाें के प्राकृतिक आवास में सुधार हाेगा।