Udaipur विकास प्राधिकरण से 500 करोड़ के घोटाले का बड़ा खुलासा, UIT सचिव सहित 5 अफसर-कर्मियों की मिलीभगत

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, यूआईटी (नगर विकास प्रन्यास) में हुए घपले अब इस संस्था के प्रमोट होकर उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) बनने के बाद भी सामने आ रहे हैं। यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने यूआईटी में सचिव रहे नितेंद्र पाल सिंह सहित पांच अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ 530 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता के मामले में नोटिस जारी किए हैं।यूडीए के आला अधिकारियों का कहना है कि यूआईटी के तत्कालीन अधिकारियों की ये वित्तीय गड़बड़ी ऑडिट टीम की प्रारंभिक जांच में सामने आई है। आरोप है कि इन अफसरों ने 13 रसूखदारों से मिलीभगत कर नियमों को ताक पर रखा और प्लान पास किए। ये गड़बड़ी आवंटन-पत्र और लीज डीड जारी करने के 9 मामलों से जुड़ी हुई है।
उदयपुर विकास प्राधिकरण में 500 करोड़ रुपए की राजस्व हानि का बड़ा मामला सामने आया है. इसे लेकर आयुक्त राहुल जैन ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर 7 दिनों में जवाब देने के निर्देश दिए हैं. यूडीए आयुक्त राहुल जैन द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक मामला प्रकाश में आने के बाद ऑडिट करवाई गई, जिसमें प्रारंभिक जांच में बड़े पैमाने पर राजस्व हानि उजागर हुई है.
संबंधित अधिकारियों को 7 दिन में जवाब देने को कहा
यह अनियमितताएं उस समय की हैं जब प्राधिकरण, नगर विकास प्रन्यास (यूआईटी) के रूप में कार्य कर रहा था. जमीनों के आवंटन पत्र और लीज डीड जारी करने के दौरान यह गड़बड़ियां सामने आईं है. इस मामले में यूआईटी के पूर्व सचिव समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि 7 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करें अन्यथा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
40% जमीन सुविधाओं के लिए छोड़नी थी, लेकिन 20% छोड़ी गई
यूडीए अधिकारियों का कहना है कि यूआईटी के तत्कालीन अधिकारियों ने प्लान पास करते समय 60: 40 अनुपात के नियमों की पालना नहीं की। इस नियम के तहत भूमि मालिक को 40% जमीन सड़क-पार्क-प्राथमिक चिकित्सा-पार्किंग आदि के लिए छोड़नी होती है, जबकि शेष 60% जमीन पर प्लॉट आदि के प्लान मंजूर किए जा सकते हैं।
ऑडिट में सामने आया है कि प्लानों का 80: 20 के अनुपात में अनुमोदन कर दिया गया। आयुक्त जैन के आदेशानुसार स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग ने नलाफला, वाड़ा, ढिकली के साथ रूपनगर में ऑडिट कर 530.40 करोड़ रुपए की राजस्व हानि पहुंचाने के तथ्य रखे हैं।
मीमो की प्रति भी दी
ऑडिट की जांच रिपोर्ट के अनुसार इस गड़बड़ी के जरिये यूआईटी (अब यूडीए) को 530 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। आयुक्त की ओर से दिए गए नोटिस के साथ ऑडिट मीमो की प्रति भी संलग्न की गई है। सभी नोटिसों की प्रतिलिपि नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को भी भेजी गई है।