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Udaipur निगम की पार्क में खड़ी बसें और कारें होंगी नीलाम, याचिका खारिज

 
Udaipur निगम की पार्क में खड़ी बसें और कारें होंगी नीलाम, याचिका खारिज 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर नगर निगम की संपत्ति पर निजी बसें और कारें खड़ी थीं। नगर निगम ने इन्हें तुरंत हटाने को कहा, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। निगम ने नोटिस जारी कर कम्पाउंड राशि निकाल ली, लेकिन जमा नहीं कराई तो मालिक कोर्ट चले गए। कोर्ट ने भी इस मामले में उनकी याचिका खारिज कर दी।उदयपुर नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश ने बताया कि कुछ समय पहले लवकुश स्टेडियम के पास नगर निगम की भूमि चेतक चौराहा पर दो कारें और एक मिनी बस लंबे समय से कबाड़ हालत में खड़ी थीं। वाहन मालिकों को निगम की भूमि से तुरंत  अपने वाहन हटाने के निर्देश भी दिए गए थे। लेकिन, वाहन मालिकों ने वाहन नहीं हटाए।

मालिकों ने जवाब नहीं दिया तो होगी नीलामी

नगर निगम के सीआई मांगीलाल डांगी ने 14 अक्टूबर को नगर निगम अधिनियम 2009 की धारा 245 के तहत निगम की जमीन पर खड़े वाहनों को जब्त कर लिया। वाहन जब्ती के बाद निगम ने कार व मिनी बस मालिकों को नगर निगम अधिनियम 2009 की धारा 245 के तहत 30 हजार रुपए प्रति वाहन के हिसाब से कंपाउंड राशि जमा करवाने तथा वाहन छुड़वाने का नोटिस जारी किया। दोनों वाहन मालिकों ने नोटिस की पालना में न तो कंपाउंड राशि जमा करवाई और न ही संतोषजनक जवाब पेश किया।

नगर निगम के पक्ष में आया फैसला

आयुक्त ने बताया कि इस पर नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश ने नगर निगम अधिनियम 2009 की धारा 245 (9) के तहत वाहनों को जब्त करने के आदेश जारी कर नीलामी की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए। नगर निगम आयुक्त के आदेश के खिलाफ वाहन स्वामियों की ओर से अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय संख्या 2 उदयपुर में अपील दायर की गई थी। न्यायालय ने 13 दिसंबर को वाहन स्वामियों की ओर से दायर याचिका खारिज करते हुए नगर निगम की कार्रवाई के पक्ष में फैसला सुनाया था। अब फिर से निगम दो कारों व एक मिनी बस की नीलामी की कार्यवाही शुरू करेगा। निगम की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने पैरवी की। आयुक्त ने बताया कि अब नगर निगम सार्वजनिक स्थानों व सड़कों पर लंबे समय से खड़े वाहनों को स्थाई अतिक्रमण मानते हुए जब्त करने की कार्रवाई करेगा। आयुक्त ने बताया कि देखने में आया है कि शहर में चार पहिया वाहन कई स्थानों पर लंबे समय तक अनुपयोगी हालत में खड़े रहते हैं। इससे शहर में स्थाई अतिक्रमण हो रहा है। इन वाहनों के कारण सड़कों की सफाई व्यवस्थित नहीं हो पाती।