Udaipur स्वच्छ उदयपुर की धज्जियां उड़ा रहे चंद होटल उद्यमी, नहीं लगा रहे कचरा निस्तारण प्लांट

राजस्थान पत्रिका टीम ने वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से उठने वाले कचरे के पूरे प्रोसेस को समझते हुए जब इसकी हकीकत जानी तो हैरान करने वाली स्थिति सामने आई। शहर में कई होटल ऐसे निकले जो बिना लाइसेंस चल रहे हैं, जबकि कई ने इसे रिन्यू ही नहीं करवाया। हकीकत में इन होटलों व पेइंग गेस्ट हाउस में देसी ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी ठहर रहे हैं। सीजन में इनकी ऑनलाइन बुकिंग फुल रहती है। ऐसी स्थिति में इनके यहां से कोई कचरा नहीं निकल पा रहा, दिखावे के तौर पर थोड़ा बहुत कचरा, जो निकल रहा है, उसे निगम की गाडिय़ों में या इधर-उधर फेंक रहे हैं।
जिन होटल में एसटीपी प्लांट व ओडल्ब्यूसी है वहां बन रही खाद: शहर के कई बड़े होटल में एसटीपी प्लांट व ओडब्ल्यूसी लगे हैं, वहां पर कचरे का निस्तारण सही हो रहा है। गीले कचरे से वे प्रोसेेस कर खाद बना रहे हैं और यह खाद वहां होटल में बने छोटे बड़े गार्डन में काम आ रहा है। वहीं सूखे कचरा को वे कबाड़ निकाल बेच रहे हैं। यह प्लांट सभी होटल को लगाने हैं, लेकिन कोई इसकी पालना नहीं कर रहा है।
● 3000 होटल, रेस्टोरेंट व ठेला व्यवसाय से उठ रहा कचरा
● 16 बड़े वाहन प्रतिदिन दिन रात कर रहे कचरा संग्रह
● 60 टन कचरा प्रतिदिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों से आ रहा
● 30 टन गीला, 20 टन सूखा व 10 टन मिक्स कचरा डाल रहे
● 8 से 10 लाख रुपए प्रतिमाह प्रतिष्ठानों से राजस्व आ रहा
● 4 से 5 लाख रुपए ठेकेदार निगम को प्रतिमाह दे रहा
● 1 लाख रुपए हर माह निगम जगह के एवज में दे रहा
● 25 बड़े व 227 छोटे होटल नहीं डाल रहे कचरा, न ही दे रहे राजस्व
● 250, 1000 व 1750 रुपए प्रतिमाह दर तय फिर भी नहीं दे रहे राशि
● 20 टन गीला कचरा प्रोसेस के बाद सीएनजी प्लांट में जा रहा
● 20 टन सूखा कचरा प्रोसेस के बाद सीमेंट फैक्ट्रियों में जा रहा