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Udaipur यूआईटी सचिव समेत 5 अधिकारी-कर्मचारियों की 13 रसूखदारों से मिलीभगत, लगाई करोड़ों की चपत

 
Udaipur यूआईटी सचिव समेत 5 अधिकारी-कर्मचारियों की 13 रसूखदारों से मिलीभगत, लगाई करोड़ों की चपत
उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर  यूआईटी (नगर विकास प्रन्यास) में हुए घपले अब इस संस्था के प्रमोट होकर उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) बनने के बाद भी सामने आ रहे हैं। यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने यूआईटी में सचिव रहे नितेंद्र पाल सिंह सहित पांच अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ 530 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता के मामले में नोटिस जारी किए हैं।यूडीए के आला अधिकारियों का कहना है कि यूआईटी के तत्कालीन अधिकारियों की ये वित्तीय गड़बड़ी ऑडिट टीम की प्रारंभिक जांच में सामने आई है। आरोप है कि इन अफसरों ने 13 रसूखदारों से मिलीभगत कर नियमों को ताक पर रखा और प्लान पास किए। ये गड़बड़ी आवंटन-पत्र और लीज डीड जारी करने के 9 मामलों से जुड़ी हुई है।इन सभी से 7 दिन में जवाब देने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार को पत्र लिखने की बात कही है। उधर, इस मामले में तत्कालीन यूआईटी सचिव नितेंद्रपाल सिंह से मोबाइल पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

40% जमीन सुविधाओं के लिए छोड़नी थी, लेकिन 20% छोड़ी गई

यूडीए अधिकारियों का कहना है कि यूआईटी के तत्कालीन अधिकारियों ने प्लान पास करते समय 60: 40 अनुपात के नियमों की पालना नहीं की। इस नियम के तहत भूमि मालिक को 40% जमीन सड़क-पार्क-प्राथमिक चिकित्सा-पार्किंग आदि के लिए छोड़नी होती है, जबकि शेष 60% जमीन पर प्लॉट आदि के प्लान मंजूर किए जा सकते हैं।ऑडिट में सामने आया है कि प्लानों का 80: 20 के अनुपात में अनुमोदन कर दिया गया। आयुक्त जैन के आदेशानुसार स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग ने नलाफला, वाड़ा, ढिकली के साथ रूपनगर में ऑडिट कर 530.40 करोड़ रुपए की राजस्व हानि पहुंचाने के तथ्य रखे हैं।

मीमो की प्रति भी दी

ऑडिट की जांच रिपोर्ट के अनुसार इस गड़बड़ी के जरिये यूआईटी (अब यूडीए) को 530 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। आयुक्त की ओर से दिए गए नोटिस के साथ ऑडिट मीमो की प्रति भी संलग्न की गई है। सभी नोटिसों की प्रतिलिपि नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को भी भेजी गई है।