'उन्होंने चौपाल के बदमाश-गुंडों जैसा व्यवहार किया....' मदन दिलावर ने डोटासरा पर जमकर बोला हमला, जाने क्या-क्या लगाए आरोप

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने विधानसभा मामले में कहा- गीता की शपथ लेने वाले डोटासरा के लिए गीता कोई मायने नहीं रखती। डोटासरा को अहंकार छोड़कर माफी मांगनी चाहिए थी। डोटासरा कहते थे कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर नहीं बनने देंगे और बन गया तो उसे तोड़ देंगे। अब ऐसे में उनके लिए गीता का क्या मतलब है। डोटासरा भगवान राम और श्रीकृष्ण को नहीं मानते। दिलावर ने कहा कि बैठक में तय हुआ था कि डोटासरा माफी मांगेंगे। निलंबित सदस्यों को सदन में नहीं बुलाया जाता, लेकिन अध्यक्ष की सहृदयता देखिए कि उन्होंने उन्हें विशेष स्वीकृति दी। इसके बाद वे सदन में आए और मुकर गए और सदन स्थगित हो गया। शिक्षा मंत्री ने बुधवार को उदयपुर में एक स्कूल के कार्यक्रम में विधानसभा में हुई खींचतान के बारे में बताया।
'मैंने गलती की, मैंने भी माफी मांगी'
मंत्री ने कहा कि डोटासरा सदन में आएं या नहीं आएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। राजस्थान की जनता उन पर थूक रही है। कांग्रेस के लोग आपस में ही लड़ रहे हैं। पुराने लोग कह रहे हैं कि सदन में कोई गलती हो जाए तो माफी मांग ली जाती है। दिलावर ने कहा कि सदन में मुझसे भी पहले गलती हुई है, इसलिए मैंने भी माफी मांगी है। माफी मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता। डोटासरा के व्यवहार से मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, सत्ता पक्ष के लोग नाखुश हैं।
संसदीय कार्य मंत्री ने डोटासरा को पलटूराम कहा
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बिना नाम लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पलटूराम कहा। मीडिया से बातचीत में पटेल ने कहा- एक व्यक्ति की वजह से पूरी विधानसभा और पार्टी हाईजैक हो गई है। मैंने खुद भी कोशिश की और मुख्यमंत्री ने भी कोशिश की। इसी कोशिश से विधानसभा में चल रहा गतिरोध दूर हुआ। पलटूराम ने इसके विपरीत व्यवहार किया। जब उन्हें खेद जताना चाहिए था, तब उन्होंने खेद नहीं जताया। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी आज सदन में फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर उनका अपमान करने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।