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उदयपुर के शिल्पग्राम में हुआ तीन दिवसीय ‘ऋतु वसंत’ उत्सव का शुभारंभ, संगीत और नृत्य की भव्य प्रस्तुतियों ने बांधा समां

 
उदयपुर  के शिल्पग्राम में हुआ तीन दिवसीय ‘ऋतु वसंत’ उत्सव का शुभारंभ, संगीत और नृत्य की भव्य प्रस्तुतियों ने बांधा समां 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 'ऋतु ​​वसंत' महोत्सव का उद्घाटन शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच पर हुआ। इस अवसर पर प्रसिद्ध संगीतज्ञ पंडित राजेंद्र वैष्णव एवं नृत्य समूह नादरूप, पुणे ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पंडित राजेंद्र वैष्णव ने राग बसंत में "फगवा बृज में देखण को चलो री" प्रस्तुत किया, जिसमें बृज की होली का उल्लास और कृष्ण से मिलने की उत्सुकता झलक रही थी। इसके साथ ही उन्होंने "फुलवा बिनत डार डार" और "गोकुल के सब कुम्हार" जैसी मधुर रचनाएं गाईं। उनकी प्रस्तुति में हारमोनियम पर अनूपराज पुरोहित, तबले पर मास्टर कपिल वैष्णव और तानपुरा पर डिम्पी सुहालका और विशाल राठौड़ ने संगत की।

नादरूप पुणे द्वारा कथक में बसंत की झलक
प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना शमा भाटे के निर्देशन में नृत्य समूह नादरूप, पुणे ने राग बसंत पर आधारित मनमोहक तराना प्रस्तुत किया। नर्तकों के हाव-भाव, पद-संचालन और नृत्य मुद्राओं ने बसंत ऋतु की ताजगी और उल्लास को जीवंत कर दिया। समूह ने होरी नृत्य के माध्यम से भी मंच पर होली के रंगों को जीवंत कर दिया।

राग बसंत में शास्त्रीय संगीत की मधुर धारा बही
कार्यक्रम में भैरवी चतुरंग भी प्रस्तुत किया गया। जिसमें संगीत, साहित्य और नृत्य का सुंदर समन्वय देखने को मिला। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कला प्रेमी उमड़े। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से पारंपरिक कला और संगीत को बढ़ावा मिलता है। प्रवीण गांवकर और अमित गंगानी देंगे प्रस्तुति शनिवार को प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक डॉ. प्रवीण गांवकर और जयपुर घराने के कथक नर्तक अमित गंगानी प्रस्तुति देंगे। डॉ. गांवकर ठुमरी, दादरा और अभंग गायन में निपुण हैं, जबकि अमित गंगानी कथक के विशिष्ट अंगों में पारंगत हैं।