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सज्जनगढ़ सेंचुरी की आग पर पाया गया काबू तो अब इस वन क्षेत्र में धधक उठी लपटें, बढ़ती गर्मी बनी मुसीबत

 
सज्जनगढ़ सेंचुरी की आग पर पाया गया काबू तो अब इस वन क्षेत्र में धधक उठी लपटें, बढ़ती गर्मी बनी मुसीबत 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - गर्मियां आ गई हैं। इसके साथ ही वन क्षेत्रों में आग की चुनौती भी आ गई है। सज्जनगढ़ अभयारण्य में लगी आग को थमे अभी चार दिन ही हुए थे कि शहर के प्रतापनगर और देबारी वन क्षेत्र में आग लग गई। मंगलवार दोपहर को आग भड़क उठी। वन विभाग के कर्मचारियों ने पेड़ों की टहनियों की मदद से आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक 12 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका था। 

कर्मचारी संभल पाते, इससे पहले ही देर रात वन क्षेत्र फिर धधकने लगा। इस बार 25 हेक्टेयर में पेड़-पौधे जल गए। कुल मिलाकर 37 हेक्टेयर जंगल जल गया। देर रात तक लपटें उठती रहीं और कर्मचारी भी जुटे रहे। सूखी घास और बांस के पेड़ अधिक होने से आग तेजी से फैली। विभाग के कर्मचारियों के अनुसार मंगलवार दोपहर प्रतापनगर से गुगला मगरा में आग लगी। करीब 2 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा। इसके बाद देबारी के मोटा मगरा में 10 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया। रात को जब आग फिर भड़की तो पेड़-पौधे जलकर राख हो गए। 

राहत की बात यह है कि इस वन क्षेत्र में कोई वन्यजीव नहीं है। एक-दो मगरों पर दो-तीन तेंदुओं का मूवमेंट रहता है, लेकिन आग लगने पर तेंदुए आमतौर पर क्षेत्र छोड़कर घने जंगलों में चले जाते हैं। जिले में होली के आसपास वन क्षेत्रों में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं। कई जगह मगरों को जलाने की परंपरा है, वहीं कई बार बढ़ती गर्मी के बीच सूखी लकड़ियों के बीच घर्षण से आग लग जाती है। सज्जनगढ़ अभयारण्य में लगी आग पांच दिन में बुझ गई। 100 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया।