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Udaipur एमबी-एसएसबी-कॉर्डियो में नहीं चला स्मोक डिटेक्टर और अलार्म, निगम ने नहीं दी एनओसी

 
Udaipur एमबी-एसएसबी-कॉर्डियो में नहीं चला स्मोक डिटेक्टर और अलार्म, निगम ने नहीं दी एनओसी

उदयपुर न्यूज डेस्क, संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल सरकारी अस्पताल में भर्ती 1800 मरीजों की जिंदगी भगवान भरोसे है. आग की स्थिति से निपटने के लिए यहां कोई तैयारी नहीं है। फायर सिस्टम के नाम पर अस्पताल में 7.5 हजार मीटर लंबी पाइपों का घेरा है, लेकिन न तो स्मोक डिटेक्टर में आग लगती है और न ही फायर अलार्म बजता है। दो दिन पहले नगर निगम के फायर ऑफिसर की जांच में यह गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद यहां बंद अलार्म सहित अन्य खामियों को आनन-फानन में दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

यहां एमबी के अलावा कार्डियोलॉजी विभाग और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (एसएसबी) का फायर सिस्टम अलग से बनाया जाता है, लेकिन इसी तरह की दिक्कतों के चलते निगम के दमकल विभाग ने एनओसी देने से मना कर दिया है. साथ ही व्यवस्था में सुधार कर ही एनओसी देने की बात कही है।

आपको बता दें कि एमबी अस्पताल में यहां सबसे बड़ा फायर सिस्टम है, जिसकी क्षमता 2850 एलपीएम (लीटर पर मिलियन) है। यह प्रणाली अस्पताल के एक बड़े हिस्से को कवर करती है जिसमें सभी पुरानी इमारतें, ट्रॉमा वार्ड, प्रिंसिपल का कार्यालय, छात्रावास, स्किन वार्ड, नर्सिंग क्वार्टर, पुस्तकालय शामिल हैं। यह सिस्टम 24 घंटे ऑटो मोड पर रहता है, जहां आग लगने के दौरान हर 30 मीटर पर 248 वॉटर थ्रोइंग प्वाइंट होते हैं। यहां हाईड्रेंट पर प्रत्येक होज बॉक्स पर 15-15 मीटर के दो पाइप लगे हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर कपलिंग (जोड़) देकर मौके पर पहुंचाया जा सकता है। यह फायर सिस्टम यहां साल 2014 में लगाया गया था। इसके 40 फीसदी वाटर प्वाइंट अस्पताल के अंदरूनी हिस्से यानी वार्डों में हैं, जबकि 60 फीसदी प्वाइंट अस्पताल के बाहरी हिस्से में हैं।