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Udaipur पार्षदों के कार्यकाल समाप्ति के बाद छीने सील-साइन, नहीं बन पा रहे दस्तावेज

 
Udaipur पार्षदों के कार्यकाल समाप्ति के बाद छीने सील-साइन, नहीं बन पा रहे दस्तावेज
उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर  कार्यकाल समाप्ति के साथ ही पार्षदों से छीन गए सील-साइन करने के अधिकार ने गरीबों व वार्ड वासियों की परेशानी को बढ़ा दी। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर विभिन्न दस्तावेजों के सत्यापन के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। बिना जान पहचान राजपत्रित अधिकारी हस्ताक्षर नहीं कर रहे तो विधायक और सांसद तो कभी मिल भी नहीं पा रहे। युवाओं को विभिन्न विभागों में निकली वैकेंसी में तो पेंशन राशि से लेकर बीपीएल में मिलने वाले गेहूं लेने के लिए लोगों को दस्तावेजों की जरूरत पड़ रही है। जिसके लिए वे दर-दर भटक रहे हैं। कुछ वार्ड में तो निर्वतमान पार्षद व युवा क्षेत्रवासियों को राजपत्रित अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों के पास ले जाकर वार्ड में अपना नया वोट बैंक तैयार कर रहे हैं।जब अलग-अलग वार्डों में दौरा किया तो अधिकांश गरीब व लाचार लोगों ने दस्तावेजों की इस पीड़ा को बयां किया। क्षेत्रीय निर्वतमान पार्षदों से बातचीत की तो उन्होंने भी कहा कि अभी भी लोग उनके घरों पर दस्तावेजों पर सील व हस्ताक्षर करवाने आ रहे लेकिन वे अधिकृत नहीं होने से कुछ कर नहीं पा रहे ।

इन दस्तावेजों को बनाने में आ रही परेशानी: वर्तमान में आधार कार्ड के अपडेट, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास, आय प्रमाण पत्र, राशनकार्ड, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र।नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल 18 नवम्बर को समाप्त हो गया। उसी दिन से शहर के समस्त 70 वार्डों के पार्षद निर्वतमान हो गए। दस्तावेजों पर सील व हस्ताक्षर करने का अधिकार भी उनके पास नहीं रहा। ऐसी स्थिति में वार्डवासियों के कई काम अटक गए। अब तक कार्यकाल समाप्ति के साथ ही हाथोंहाथ नगर निकाय के चुनाव होते है, लेकिन इस बार सरकार शहरी सीमा बढ़ाने और एक राष्ट्र-एक चुनाव की मंशा के चलते चुनाव की तिथि आगे बढ़ा दी।

कई कामों में आ रही परेशानी

रामपुरा मल्लातलाई क्षेत्र में दिनेश पुत्र चुन्नीलाल गमेती की पिछले दिनों मौत हो गई। हॉस्पिटल से मृत्यु प्रमाण पत्र मिला, लेकिन परिजन दस्तावेज के अभाव में अब तक निगम से नहीं ले पाए। परिजनों का कहना था कि पार्षद अब साइन नहीं कर रहे हैं। मृत्यु के बाद प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 21 दिन की समयावधि निकल गई, अब उन्हें तहसीलदार से तस्दीक कर लानी पड़ेगी। दूधिया गणेशजी क्षेत्र में निर्मल पंडित का कहना है कि राशनकार्ड में परिजनों के नाम जुड़वाने के लिए पार्षद से दस्तावेजों से तस्दीक करवाने गया तो मना कर दिया। राजपत्रित अधिकारी बिना जान पहचान साइन नहीं कर रहे। ऐसे स्थिति में क्षेत्र के एक समाजसेवी की मदद से बमुश्किल दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए।