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100-200 नहीं राजस्थान के इस जिले से सामने आया 8 हजार करोड़ की ड्रग तस्करी का मामला, अफ़्रीकी कनेक्शन का पर्दाफाश

 
100-200 नहीं राजस्थान के इस जिले से सामने आया 8 हजार करोड़ की ड्रग तस्करी का मामला, अफ़्रीकी कनेक्शन का पर्दाफाश 

8 हजार करोड़ के ड्रग तस्करी मामले में कोर्ट ने सभी 7 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने इनकी सजा पर फैसला सोमवार तक सुरक्षित रखा है। कोर्ट के इस फैसले के बाद जमानत पर चल रहे 5 आरोपियों को तुरंत हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। दो आरोपी पिछले 9 साल से न्यायिक हिरासत में हैं। मामले में मुख्य आरोपी सुभाष दुदानी की न्यायिक हिरासत के दौरान मौत हो गई थी, इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई खत्म कर दी गई थी।राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने दिवाली से ठीक दो दिन पहले 28 अक्टूबर 2016 को शहर के कलड़वास व गुड़ली रीको क्षेत्र और राजसमंद के धोइंदा में छापेमारी की थी। इस दौरान 8 हजार करोड़ कीमत की 23.32 मीट्रिक टन मेथाक्वालोन टेबलेट मैंड्रैक्स (एमडी) बरामद की गई थी। 

ये आरोपी हुए गिरफ्तार
इस मामले में डीआरआई टीम ने मुम्बई निवासी सुभाष पुत्र थावरदास दुदानी, उसके पुत्र गुंजन दुदानी निवासी आरके चौराहा सुखेर, भतीजे रवि पुत्र किशनचंद्र निवासी प्रतापनगर, परमेश्वर पुत्र दुलाल व्यास, अतुल पुत्र दिलीप म्हात्रे निवासी मुम्बई को गिरफ्तार किया। इसके अलावा राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सी क्लास प्रतापनगर निवासी अनिल पुत्र नानक राम मलकानी और वडोदरा गुजरात निवासी संजय पुत्र रतिलाल पटेल को भी गिरफ्तार किया।

कोर्ट में पेश किए गए 49 गवाह
इस मामले में एनडीपीएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों के खिलाफ जांच पूरी करने के बाद विशेष लोक अभियोजक डॉ. प्रवीण खंडेलवाल, एसपी शर्मा और एडवोकेट राजेश वसीटा ने प्रभावी पैरवी की। अभियोजन पक्ष की ओर से 49 गवाह, 559 दस्तावेज और 3148 लेख पेश किए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे-1 कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मनीष कुमार वैष्णव ने सभी आरोपियों को एनडीपीएस की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया। हाई प्रोफाइल मामले के फैसले के दौरान पूरा कोर्ट अधिवक्ताओं से खचाखच भरा था।

पांच आरोपी हिरासत में लिए गए, जेल भेजे गए
मामले में सुभाष दुदानी की मौत हो चुकी है, जबकि रवि दुदानी और परमेश्वर व्यास वर्ष 2016 से न्यायिक हिरासत में हैं। शेष पांच आरोपी अनिल, संजय, अतुल, निर्मल और गुंजन जमानत पर थे, इन्हें पीठासीन अधिकारी के आदेश पर चालान गार्ड ने हिरासत में लिया। सभी को जेल भेज दिया गया।

राजसमंद में भी की गई थी छापेमारी
दरअसल, वर्ष 2016 में डीआरआई अधिकारी लक्ष्मण मणि शर्मा के नेतृत्व में एक टीम ने दिवाली से ठीक दो दिन पहले कलड़वास में मरुधर ड्रिंक्स पर छापेमारी की थी। जहां मेथाक्वालोन टेबलेट का अवैध भंडारण मिला था। बेसमेंट और दीवार के पीछे से 23.32 मीट्रिक टन मेथाक्वालोन टेबलेट जब्त की गई थी। इसके बाद टीम ने गुडली में ओमकार इंडस्ट्रीज, मेवाड़ नेचुरल इंडस्ट्रीज और श्रीनाथ इंडस्ट्री धोइंदा राजसमंद में छापेमारी की थी।

अफ्रीकी देशों में भेजी थी 24 मीट्रिक टन नशीली दवा
इन जगहों से मेथाक्वालोन टेबलेट बनाने वाली फैक्ट्रियां पकड़ी गई। इन फैक्ट्रियों में माल तैयार होने के बाद इन्हें कलड़वास में स्टोर किया जाता था। जांच में सामने आया कि ये दवाएं उदयपुर से रेडिएसिव टेक्नोलॉजी नाडियाड के जरिए विदेशों में सप्लाई की जाती हैं। डीआरआई के अतिरिक्त निदेशक ने बताया कि मेथाक्वालोन टेबलेट बनाने के बाद आरोपियों ने वर्ष 2009 और 2015 में करीब 24 मीट्रिक टन प्रतिबंधित दवाएं अफ्रीकी देशों में निर्यात की थी।