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Udaipur के जंगलों में दहाड़, गुर्राहट और उछलकूद बढ़ी

 
Udaipur के जंगलों में दहाड़, गुर्राहट और उछलकूद बढ़ी

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर जिले के जंगलों में दहाड़, गुर्राहट और वन्यजीवों की उछलकूद में इजाफा हुआ है। वर्ष 2022 के बाद 2024 में हुई वन्यजीव गणना के दौरान जिले के दो टेरिटोरियल डिविजन और चार संरक्षित क्षेत्रों में वन्यजीवों की आबादी में बढ़ोतरी दर्ज की है। पिछले साल 23 मई को बुध पूर्णिमा पर समूचे प्रदेश के साथ-साथ उदयपुर जिले में भी वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीव गणना की थी। जिसके आंकडे विभाग की ओर से गत दिनों सार्वजनिक किए गए। जिले में उदयपुर और उदयपुर उत्तर टेरिटोरियल डिविजन के अलावा चार संरक्षित क्षेत्र हैं। जो वन्यजीव मंडल के तहत आते हैं। इनमें बाघदड़ा कंजर्वेशन रिजर्व, जयसमंद, फुलवारी की नाल व सज्जनगढ़ अभयारण्य शामिल हैं। पिछली वन्यजीव गणना में सामने आया कि इन क्षेत्रों में 22 बघेरे और 9 भालू बढ़े हैं। सबसे ज्यादा 779 की वृद्धि लंगूरों की आबादी में देखी है। वहीं चौसिंगा और सांभर पिछली वन्यजीव गणना के मुकाबले मात्र तीन-तीन बढ़े हैं।

2023 में बारिश के चलते नहीं हो पाई थी गणना

वर्ष 2023 में बारिश के चलते वन्यजीव गणना नहीं हो सकी थी। पहले 5 मई 2023 को बुध पूर्णिमा के दिन वन्यजीव गणना होनी थी। लेकिन इससे पहले मार्च और अप्रेल में बारिश से जगह-जगह पानी भर गया। ऐसे में वन्यजीव गणना स्थगित कर 4 जून 2023 को जेष्ठ पूर्णिमा पर गणना के निर्देश जारी किए गए। लेकिन इससे पहले प्री-मानसून बारिश होने से इस दिन भी गणना नहीं हो पाई।

उदयपुर उत्तर डिविजन में सर्वाधिक वन्यजीव

टेरेटोरियल फॉरेस्ट की बात करें तो जिले में सबसे समृद्ध जंगल उदयपुर उत्तर डिविजन के हैं। यहां विभिन्न प्रजातियों के 3179 वन्यजीव देखे गए। जबकि उदयपुर डिविजन में 2776 वन्यजीव देखे गए। संरक्षित क्षेत्र में फुलवारी की नाल अभयारण्य में सर्वाधिक 1509 वन्यजीव देखे गए। जबकि सबसे छोटा क्षेत्र होने से बाघदड़ा कंजर्वेशन रिजर्व में मात्र 68 वन्यजीव देखे गए।

डॉ. सतीश शर्मा, वन्यजीव विशेषज्ञ

हेल्दी ईको सिस्टम के लिए यह जरूरी है कि वन्यजीवों की आबादी बहुत अधिक ना बढ़ें। फूड चैन सिस्टम में जो जीव टॉप पर होते हैं उनकी निर्भरता अन्य जीवों पर अधिक होती है। एक बघेरे को अपनी टेरिटरी के लिए सात से आठ वर्ग किमी क्षेत्र की जरूरत होती है। यदि आबादी अधिक होती है तो इनमें आपसी संघर्ष भी बढ़ेगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि दो वर्ष में हुई बढ़ोतरी को संतुलित कहा जा सकता है।