ज्येष्ठ पूर्णिमा पर उदयपुर में भक्ति का सैलाब, 108 कलश दूध और 5 नदियों के पवित्र जल से किया गया भगवान जगदीश का अभिषेक

ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर आज वैष्णव मंदिरों में ठाकुरजी की स्नान यात्रा मनाई गई। उदयपुर में प्रसिद्ध जगदीश मंदिर में भगवान जगदीश का 108 कलशों से दूध से अभिषेक किया गया। स्नान यात्रा मनोरथ सुबह 6 बजे शुरू हुई और करीब दो घंटे तक चली, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। दूध के साथ 5 नदियों का पवित्र जल लाया गया। दुग्धाभिषेक के बाद भगवान जगदीश को विशेष श्रृंगार से सुसज्जित किया गया। भगवान की आरती के बाद खीर का वितरण किया गया। मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण के भजन गाए।
5 दिन तक एकांत में रखी जाएगी ठाकुरजी की देखभाल
कहा जाता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद 15 दिन तक एकांत में रखी जाएगी ठाकुरजी की देखभाल। मान्यता और परंपरा है कि ज्येष्ठाभिषेक के दौरान भीषण गर्मी में ठंडे पानी से स्नान करने से उन्हें सर्दी लग जाती है। अपने भक्त माधवदास की बीमारी के कारण ठाकुरजी बीमार पड़ जाते हैं। एकांतवास के दौरान उन्हें औषधीय प्रसाद चढ़ाया जाता है।
27 जून को दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है
एक पखवाड़े तक विश्राम करने के बाद ठाकुरजी आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को आम जनता को दर्शन देंगे। 27 जून को दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। इस दिन की परंपरा के अनुसार भगवान जगदीश अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथयात्रा पर निकलेंगे। रथयात्रा महोत्सव उदयपुर के विशेष महोत्सवों में से एक माना जाता है।