Udaipur झोलाछाप इलाज, ग्रामीणों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे नीम हकीम
उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर जिले के राजस्व गांव से लेकर जिला मुख्यालय तक झोलाछाप नीम हकीम अवैध क्लीनिक लगाकर उपचार कर रहे हैं। अधिकांश मेडिकल की आड़ में अवैध क्लीनिक चला रहे हैं। जिले के अंतर्गत सलूम्बर, लसाडिया, सराड़ा व सेमारी उपखंड के अंतर्गत राजस्व गांव से लेकर जिला मुख्यालय तक अवैध क्लीनिक संचालित है। अधिकांश जगहों पर नीम हकीमो ने अवैध क्लीनिक के साथ अवैध तरीके से किराए के लाइसेंस पर मेडिकल खोल रखे हैं तथा उन मेडिकल के पीछे कमरों में बेड लगाकर उपचार किया जा रहा है। चिकित्सा विभाग के चार ब्लॉक : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिला मुख्यालय पर जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अंतर्गत सलूम्बर , सराड़ा , लसाडिया एवं जयसमंद ब्लॉक के अंतर्गत 4 बीसीएमएचओ मुख्यालय बना रखे हैं, जिसके अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित है तथा जिला मुख्यालय पर जिला चिकित्सालय है।
मरीज को भर्ती कर करते हैं उपचार : झोलाछाप नीम हकीम बच्चों, महिलाओं के गायनिक , चर्म रोग, डेंटल सहित बुखार ,खांसी, निमोनिया तथा अनेक बीमारियों का उपचार करते हैं तथा नीम हकीम के पास उपचार करने वाले मरीज की उसके शरीर संबंधित आवश्यक जांचे भी लिखते हैं तथा जांच रिपोर्ट आने के बाद जांच रिपोर्ट देखकर अधिकांश मरीजों को अपने अवैध क्लीनिक में भर्ती करते हैं तथा ड्रिप लगाकर उपचार करते हैं। यहां तक कि कुछ नीम हकीम गर्भनिरोधक दवाइयां तक लिखते हैं तथा मरीज को अपने ही अवैध क्लीनिक या मेडिकल से दवाइयां उपलब्ध करवाते हैं।
कोरोना काल में भी लोगों को किया गुमराह : कोरोना काल में कोरोना जांच के डर के मारे जांच कराने राजकीय चिकित्सालय नहीं जाने वाले मरीजो को गुमराह कर उपचार के नाम पर उनको रोक लिया , जिसकी वजह से आम जन एवं प्रशासन को परेशानी का भी सामना करना पड़ा । अभियान के तहत नीम हकीम के खिलाफ होती है कार्रवाई उसके बाद यथावत चलते हैं उनके अवैध क्लीनिक : क्षेत्र में नीम हकीम के उपचार के बाद किसी मरीज की मृत्यु होने तथा प्रशासन के आदेश के दौरान अभियान चलाकर नीम हकीमो के खिलाफ चिकित्सा विभाग पुलिस की मदद से कार्रवाई करता है तथा नीम हकीम कार्रवाई के दौरान जेल भी जाता है परंतु जमानत होने के कुछ दिनों के बाद फिर से अपना अवैध क्लीनिक संचालित करने में लग जाता है।
कार्रवाई के बाद शुरू हो जाती है सिफारिश: नीम हकीमों के खिलाफ चिकित्सा अधिकारियों की ओर से जाने वाली कार्रवाई के दौरान अधिकांश गांव में कुछ नीम हकीमों के सहयोगी उनकी सिफारिश करने में जुट जाते हैं। ऐसी स्थिति में कार्रवाई करने वाली टीम एवं पुलिस को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिला अंतर्गत ऐसी घटनाओं पर पुलिस ने मुकदमे भी दर्ज कर कार्रवाई तक की है । झोलाछाप के भी संगठन : झोलाछाप नीम हकीमो ने अपना संगठन बना रखा है, जिसमें सभी झोलाछाप सदस्य होते हैं तथा उनके पदाधिकारी मनोनीत किए जाते हैं यह संगठन प्रशासन एवं पुलिस की कार्रवाई के दौरान संबंधित अधिकारियों से वार्ता करना तथा झोलाछाप को कानूनी सलाह एवं कानूनी मदद देने का काम करता है।