Aapka Rajasthan

अरबों रूपए के घोटाले के मामले में नाथद्वारा मंदिर मंडल के CEO राजेश जोशी का निलंबन, भजन लाल सरकार ने सुनाया बड़ा फैसला

 
अरबों रूपए के घोटाले के मामले में नाथद्वारा मंदिर मंडल के CEO राजेश जोशी का निलंबन, भजन लाल सरकार ने सुनाया बड़ा फैसला 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के राजसमंद में नाथद्वारा मंदिर बोर्ड के मौजूदा सीईओ और पूर्व यूआईटी सचिव राजेश जोशी को सोमवार को निलंबित कर दिया गया है। राजेश जोशी के खिलाफ यह कार्रवाई भजनलाल सरकार ने उदयपुर विकास प्राधिकरण (पूर्व में उदयपुर नगर विकास प्रन्यास) में करोड़ों रुपए के घोटाले को लेकर की है। उदयपुर यूआईटी में हुए घोटाले का खुलासा ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद हुआ था, जिसमें उन्होंने नियमों के विरुद्ध कई योजनाओं को अनुमति दी थी, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था।

कार्मिक विभाग ने जारी किया निलंबन आदेश राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने सोमवार को उदयपुर नगर विकास प्रन्यास के तत्कालीन सचिव आरएएस अधिकारी राजेश जोशी को निलंबित करने का आदेश जारी किया। उदयपुर विकास प्राधिकरण (पूर्व में यूआईटी) में वित्तीय अनियमितताओं के कारण वर्ष 2022 से 2024 के बीच उनका निलंबन किया गया है, वर्ष 2023 में राजेश जोशी उदयपुर विकास प्राधिकरण के सचिव के पद पर कार्यरत थे।

अक्टूबर 2023 में वे यूआईटी के सचिव बने
आरएएस अधिकारी राजेश जोशी ने 7 अक्टूबर 2023 को उदयपुर यूआईटी (अब उदयपुर विकास प्राधिकरण) में सचिव का पदभार संभाला था। जहां से बाद में उनका तबादला बांसवाड़ा गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के पद पर हुआ। फिर बाद में 1 फरवरी 2025 को राजेश जोशी का तबादला नाथद्वारा मंदिर बोर्ड के सीईओ के पद पर हुआ। राजेश जोशी ने 12 फरवरी 2025 को नाथद्वारा मंदिर बोर्ड के सीईओ का पदभार संभाला था।

ऑडिट रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताएं उजागर
बता दें कि 2022 से 2024 तक की ऑडिट और तथ्यात्मक रिपोर्ट में उदयपुर नगर विकास प्रन्यास (अब उदयपुर विकास प्राधिकरण) में घोटाला सामने आया था, जिसमें नियमों के विरुद्ध कई योजनाओं को अनुमति दी गई, जिससे 530 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा सामने आया था। उदयपुर सांसद ने उदयपुर यूआईटी में 530 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता का मामला भी उठाया था। उन्होंने इस मामले में कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।