Mehngai Rahat Camp: सीएम गहलोत ने उदयपुर में महंगाई राहत कैंप का लिया जायजा, कहा -हमारी सरकार रिपीट होगी फिर चाहे अमित शाह आएं या फिर मोदी
उदयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में 24 अप्रैल से महंगाई राहत कैंप की शुरूआत सीएम गहलोत ने की है और इस योजना के तहत सीएम गहलोत प्रदेश में एक बार फिर सरकार रिपीट करने का दावा कर रहें है। वहीं सीएम गहलोत महंगाई राहत कैंप शिविर का खुद जायजा लेते हुए लोगों की प्रतिक्रिया भी ले रहें है। इसी कड़ी में सीएम गहलोत ने आज उदयपुर के मावली में महंगाई राहत कैंप का जायजा लिया है। इस दौरान गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जैसे कोरोना महामारी में अच्छे काम के दम पर केरल सरकार रिपीट हुई, वैसे ही हमने भी कोरोना में बेहतर प्रबंधन किया। हमारी सरकार भी रिपीट होगी। चाहे अमित शाह आएं या फिर मोदी। कोई फर्क नहीं पड़ता है।
देखिए... बढ़ते राजस्थान को!
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 9, 2023
मावली, उदयपुर के #महंगाई_राहत_कैंप में गारंटी से मिल रही सुविधाएं नई बढ़त के साथ उदित होते राजस्थान की गवाह बनीं, नई उम्मीद और सोच की राह बनीं।#MehangaiRaahatCamp pic.twitter.com/mm1ayB82No
उदयपुर दौरे पर आए सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना के समय मुम्बई-दिल्ली में विकट स्थिति बनी। अहमदाबाद में गाड़ियों के अंदर ड्रिप लग रही थी। इलाहबाद में कितने लोग मर गए। लाशें गंगाजी में तैरती देखी गईं। जबकि उस समय बाहरी राज्यों से राजस्थान में लोगों को रैफर किया जा रहा था। सीएम गहलोत बोले, सबसे पहले मैंने ही मोदीजी को कोरोना वैक्सीन फ्री करने के लिए कहा था, वे तब नहीं माने थे, बाद में इनको फ्री करनी पड़ी। गहलोत बोले, आम जनता में यह बात फैल गई है कि सरकार रिपीट होगी। हम भारी बहुमत से जीतेंगे। हमने हैल्थ के अलावा नौकरी और महंगाई पर भी काम किया है। उन्होंने 2030 तक राजस्थान को नम्बर-1 बनाने की बात कही है।
महंगाई राहत कैम्प एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत आयोजित शिविर का अवलोकन | मावली, उदयपुर https://t.co/N1J9EuCuAG
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 9, 2023
मावली में राहत कैंप निरीक्षण के दौरान सीएम गहलोत ने प्रतिभावान छात्र अर्जुन से मुलाकात की। इस दौरान अर्जुन ने एक सांस में मुख्यमंत्री को राजस्थान के 50 जिलों के नाम बोलकर सुनाए। इस पर सीएम ने उसे शाबासी देते हुए उसके टेलेंट की सराहना की। इसके बाद गहलोत ने कैंप में आने वाले लाभार्थियों से बात की। उनसे योजनाओं का फीडबैक लिया। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों से भी इस संबंध में जानकारी ली।