Udaipur ट्रेनिंग स्कूल में रेलवे डेमोस्ट्रेशन ट्रैक यार्ड में लोको पायलट और गार्ड को मिलेगी लाइव ट्रेनिंग

उदयपुर न्यूज़ डेस्क , उदयपुर शहर में सुखाड़िया सर्कल पर 150 एकड़ में फैले राजस्थान के सबसे बड़े रेलवे ट्रेनिंग स्कूल परिसर में अगले महीने रेलवे ट्रैक की शुरुआत हो जाएगी। इसका काम लगभग पूरा हो चुका है। यहां रेलकर्मियों की ट्रेनिंग के लिए 300 मीटर लंबा डेमोस्ट्रेशन ट्रैक यार्ड बनकर तैयार हो गया है। इससे रेलकर्मी ट्रैक और ट्रेन से जुड़ी सभी जानकारी ले पाएंगे।ट्रैक को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह हैवी एक्सल लोड यानी 25 टन तक भार वहन कर सकें। यह ब्रॉडगेज यार्ड है। इस पर इलेक्ट्रिफिकेशन भी किया गया है। यहां देश ही नहीं विदेशों से भी रेलकर्मी ट्रेनिंग के लिए आते हैं। प्रिंसिपल जय प्रकाश ने बताया- रेलवे में हो रहे बदलाव को देखते हुए नया डेमो ट्रैक बनाया गया है।
स्टेशन-ट्रैक से जुड़ी हर तकनीक के बारे में बताएंगे
इस डेमोस्ट्रेशन ट्रैक यार्ड में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, ट्रेन कंट्रोलर, टीसी और गार्ड आदि को नई तकनीकों के आधार पर लाइव ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही स्टेशन या ट्रैक पर होने वाली फेल्योर को किस तरह ठीक कर सकते हैं, ये भी सिखाया जाएगा। डेमो ट्रैक पर समपार फाटक (लेवल क्रॉसिंग) बनाए गए हैं ये किस तरह संचालित होते हैं।ट्रेन चलाते वक्त लोको पायलट को क्या तकनीकी सावधानी रखनी चाहिए। इनके बारे में ट्रैक पर लाइव ट्रेनिंग दी जाएगी। संस्थान में पुरानी तकनीक पर आधारित मीटर गेज ट्रैक भी बना हुआ है जो अब चलन से बाहर हो गया है।
130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लिए तैयार किया ट्रैक
इस डेमोस्ट्रेशन ट्रैक पर सड़क से आने वाले वाहनों के लिए सिग्नल पोस्ट लगाए हैं। इस पर रेड-येलो लाइट लगाई है। यार्ड पर ट्रेन को मेनलाइन से लूपलाइन तक ले जाने के लिए भी थिक वेव स्विच लगाए हैं। ट्रैक को 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के लिए तैयार किया गया है।इससे ट्रैकमैन, इंजीनियरिंग और सिग्नलिंग डिपार्टमेंट के रेलकर्मियों को ट्रेनिंग में मदद होगी। इसे सिग्नलिंग रूम से भी जोड़ा जाएगा। रूम में आटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम, 6 कलर लाइट स्टेशन और यूएफएसबीआई ब्लॉक इंस्ट्रूमेंट भी होंगे।
1955 में महाराणा भूपाल ने रखी थी ट्रेनिंग स्कूल की नींव
रेलवे ट्रेनिंग स्कूल की नींव 25 मार्च 1955 को उदयपुर के महाराणा भूपालसिंह ने रखी थी। 18 महीने में 150 एकड़ में ट्रेनिंग स्कूल तैयार हो गया था। इसके बाद इसका उद्घाटन 9 अक्टूबर 1956 को राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने किया था। यहां रेलवे देशभर के अलावा श्रीलंका, जाम्बिया, कम्बोडिया और बांग्लादेश आदि देशों से भी रेलवे कर्मी ट्रेनिंग के लिए आते हैं।