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Udaipur घर में घुसा तेंदुआ, परिवारों के लोगों में मचा हड़कंप

 
Udaipur घर में घुसा तेंदुआ, परिवारों के लोगों में मचा हड़कंप

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर मैं सुबह किचन में खाना बना रही थीं। तभी चिता जैसा कोई दिखा। मैंने सोचा कोई भेष बनाकर आया होगा लेकिन जैसे ही गुर्राने की आवाज सुनी में चिल्लाई। घर में मेरे साथ मेरी डेढ़ साल की बच्ची, सास और ननद थी। मेरे ससुर और पति क्रिकेट खेलने गए हुए थे। ढाई घंटे तक हम घर में बंद रहे। जब वन विभाग की टीम ट्रेंक्युलाइज कर ले गई तो जान में जान आई। ये आपबीती है उदयपुर शहर के सेक्टर 14 के सुहालका भवन के पास रहने वाले अर्जुन डांगी के परिवार की। सुबह साढ़े 7 बजे घर में लेपर्ड घुसा तो सबसे पहले उनकी बहू नित्या पटेल ने देखा। परिवार को जब पता चला कि घर में लेपर्ड घुस गया है तो डर कर सभी एक कमरे में आ गए। ढाई घंटे तक परिवार डेढ़ साल की बच्ची के साथ कमरे में बंद रहा। आखिर 10 बजे लेपर्ड का ट्रेंक्युलाइज किया और उसे ले जाया गया।

रसोई में खाना बना रही थीं, सीढ़ियों में दिखाई दिया लेपर्ड

नित्या पटेल (28) ने बताया- मैं रसोई में खाना बना रही थी। तभी सीढ़ियों की तरफ से आवाज आवाज आई। पहले तो मैंने सोचा कोई बहरुपिया होगा। लेकिन, जब तेज से गुर्राने की आवाज के बाद मैंने लेपर्ड को छत की सीढि़यों पर चढ़ते देखा तो डर से आवाज भी नहीं निकाल पाई। मैंने तुरंत अपनी सास जमुना देवी (45) को बताया कि घर में चिता आ गया। तब तक लेपर्ड सीढि़यों के ऊपर जाकर बैठ गया था। हम सभी चिल्लाने लगे तो वह नीचे की तरफ आया और हमारी तरफ घूरने लगा। मैं, मेरी सास, ननद ज्योति(27) और डेढ़ साल की बच्ची को लेकर हम दौड़कर एक कमरे में आए और अपने आपको बंद किया। इसके बाद पति शुभम (30) को कॉल किया।

डर के मारे घर के सारे दरवाजे बंद किए

जमुना देवी ने बताया- घर का मैन गेट खुला हुआ था। मैं बाहर कचरा डालकर वापस घर में घुस रही थी। जैसे ही घर में अंदर घुसी तो पीछे से गुर्राने की आवाज सुनाई दी। तब तक लेपर्ड मैन गेट से होता हुआ सीढ़ियों पर जा चुका था। इतने में ही बहू नित्या ने आवाज लगाई कि मां घर में लेपर्ड आ गया है। मैंने घर में घुसते ही सभी दरवाजे बंद कर दिए। इसके बाद बेटे और आस-पडोसियों को फोन किया कि घर में लेपर्ड आ गया है आप इधर मत आना।

पत्नी कपड़े सुखाने छत पर जाने वाली थी, बड़ा हादसा हो जाता

अर्जुन लाल डांगी ने बताया कि अगर मेरी बहू को लेपर्ड सीढ़ियों से चढ़ता हुआ दिखाई नहीं देता तो किसी को भी पता नहीं लगता। क्योंकि​ मेरी पत्नी जमुना ने कपड़े धोए हुए थे और वह कुछ देर में छत पर कपड़े सुखाने के लिए जाने वाली थी। डांगी ने बताया कि मैं और बेटा शुभम तीतरड़ी में क्रिकेट खेलने गए हुए थे। मैं फील्डिंग कर रहा था तो अपना मोबाइल अपने एक साथी को दे रखा था। मेरे साथी ने कॉल रिसीव किया और वो दौड़ता हुआ मेरे पास आकर कहने लगा- आपके घर में लेपर्ड घुसा है। पहले तो मैंने मजाक समझा लेकिन जब बहू से बात की तो उसने बताया कि घर में लेपर्ड आ गया और हम घर में बंद है। मैदान से ही मैंने मेरे दोस्तों और वन विभाग की टीम को कॉल किया।

सुबह 8 बजे पहुंची टीम, बाहर खिड़की से चार शूट में किया ट्रेंक्युलाइज

इधर,घटना की जानकारी मिलने पर ​8:20 पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इस बीच अर्जुन और शुभम भी घर पहुंच गए थे। आस-पास में जैसे ही लोगों को पता चला कि लेपर्ड आ गया है तो लोगों की भीड़ जमा हो गई। वन विभाग की टीम ने मैन गेट पर फोर व्हीलर लगा रास्ते को ब्लाॅक कर दिया और गाड़ी के ऊपर चढ़ छत के रास्ते को भी ब्लॉक कर​ दिया ताकि लेपर्ड छत पर नहीं जा सके। इस बीच बाहर से खिड़की पर ट्रेंक्युलाइज की कोशिश की गई। वहीं लोगों की आवाज सुन लेपर्ड बरामदे में रखी स्कूटी के पास छिप कर बैठ गया। करीब 4 शूट कर लेपर्ड को सुबह 10 बजे ट्रेंक्युलाइज किया गया। इसके बाद टीम उसे सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले गई।