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फायर लाइन पार कर गोरेला पहुंची सज्जनगढ़ सेंचुरी में लगी भीषण आग, काबू पाने बाद भी तेज हवा के चलते फिर दाहक उठी लपटें

 
फायर लाइन पार कर गोरेला पहुंची सज्जनगढ़ सेंचुरी में लगी भीषण आग, काबू पाने बाद भी तेज हवा के चलते फिर दाहक उठी लपटें 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - सज्जनगढ़ अभ्यारण्य चौथे दिन भी धधकता रहा। स्पॉट फायर (हवा में उड़ती चिंगारियों से नई आग) चुनौती बनी हुई है। शुक्रवार को पारा 3 डिग्री से ज्यादा चढ़ा और 20 से 22 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाएं लपटों के नए-नए पॉकेट बनाती रहीं। एक जगह से आग बुझ भी नहीं पाई थी कि दूसरी जगह फैल गई। लगातार नई फायर लाइन बनाने और बुलडोजर से रास्ता काटने के बावजूद देर रात तक आग ने पूरे गोरेला प्वाइंट को अपनी चपेट में ले लिया। मंगलवार को यहां लगा ट्रांसफार्मर जलने से जंगल जलने लगा था। चार दिन में आग ने लगभग पूरे जंगल को अपनी चपेट में ले लिया है।

हालांकि अच्छी बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई है। बायोलॉजिकल पार्क के वन्य जीव भी सुरक्षित हैं। वन विभाग, पुलिस और प्रशासन के करीब 200 कर्मचारी अलग-अलग जगहों पर आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। फायर ब्रिगेड की टीम भी ड्यूटी पर है।इस बीच बायोलॉजिकल पार्क और किला लगातार दूसरे दिन भी पर्यटकों के लिए बंद रहा। सीसीएफ सुनील छिदरी ने बताया कि शनिवार को आग शांत हुई तो दोनों पर्यटन स्थल खोल दिए जाएंगे। वहीं, रामपुरा चौक की ओर जिन परिवारों के मकान खाली कराए गए थे, उन्हें वापस शिफ्ट कर दिया गया। इस पॉकेट में लगी आग को बुझा दिया गया है।

सूखी घास के कारण भड़की आग
मंगलवार शाम छह बजे गोरेला प्वाइंट पर ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। रात में आग की लपटें किले के पास सज्जनगढ़ के ऊपरी हिस्से तक पहुंच गई। हवा और सूखी घास के कारण आग तेजी से फैल गई।बुधवार को आग करीब 500 मीटर नीचे झाड़ महादेव तक पहुंच गई। देर रात आग पर लगभग काबू पा लिया गया।गुरुवार सुबह से तेज हवा चलने के कारण आग फिर भड़क गई। वन विभाग की गोरेला चौकी से होते हुए आग की लपटें बायोलॉजिकल पार्क तक पहुंच गई। फिर वापस सज्जनगढ़ की ओर पहुंचने लगी। रामपुरा चौक की ओर आग के कारण कई मकान खाली कराए गए। देर रात तक जगह-जगह लपटें उठती रहीं।

सज्जनगढ़ और बायोपार्क घूमने आए पर्यटक निराश, संशय बरकरार
सज्जनगढ़ बायो पार्क और मानसून पैलेस में औसतन हर दिन 1500 पर्यटक आते हैं। इनसे करीब 30 हजार रुपए की आय होती है। सज्जनगढ़ दो दिन से बंद है। इससे वन विभाग को 60 हजार रुपए का नुकसान हुआ है, वहीं पर्यटक भी निराश हो रहे हैं। बता दें, सज्जनगढ़ 519 हेक्टेयर यानी 5.19 वर्ग किमी में फैला है। बायो पार्क में 100 से ज्यादा जानवर हैं।

बायो पार्क और मानसून पैलेस दूसरे दिन भी पर्यटकों के लिए बंद रहे, राजसमंद-चित्तौड़ से बुलाई गई दमकल
आग बुझाने के वन विभाग और प्रशासन के दावों के बीच सवाल भी उठ रहे हैं। वजह यह है कि अप्रैल 2022 में बांकी वन खंड (पिछोला झील के किनारे सैन्य क्षेत्र के पास) में इतनी भीषण आग लग गई थी। इससे पहले 2017 में भी इसी वन खंड में आग लगी थी। दोनों बार सेना का हेलीकॉप्टर बुलाया गया था। हेली बकेट (बांबी बकेट) की मदद से ही आग बुझाने में सफलता मिली थी। फिलहाल जंगल के अलग-अलग हिस्सों में 10 से ज्यादा दमकल गाड़ियां तैनात हैं। जहां गाड़ी नहीं पहुंच पा रही है, वहां खाई में 50-50 मीटर के 8 पाइप जोड़कर पानी पहुंचाया जा रहा है। बैकअप के लिए चित्तौड़गढ़ और नाथद्वारा (राजसमंद) से दो-दो दमकलें बुलाई गई हैं। अभयारण्य और बायो पार्क के बीच बनी फायर लाइन के कारण आग कुछ हद तक बंटी हुई है। सीसीएफ-वन्यजीव सुनील छिदरी ने बताया कि हवा के कारण आग फैल रही है। वन विभाग का पूरा अमला आग पर काबू पाने की कोशिश में जुटा है।