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बाप सांसद राजकुमार रोत ने प्रदेश सरकार पर बोला हमला, वायरल क्लिप में देखे 1500 करोड़ में से क्यों एक रुपया भी नहीं हुआ खर्च ?

भारत आदिवासी पार्टी के नेता और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी का नाम लेकर कहा कि, इन्होंने आदिवासी क्षेत्र ही नहीं राजस्थान का बंटाधार किया है। इतना ही नहीं, रोत ने आगे कहा कि, आदिवासियों के कल्याण के लिए 1500 करोड़ का बजट रखा लेकिन एक रुपया खर्च नहीं किया गया और अब नया बजट पढ़ने वाले है।
 

 
बाप सांसद राजकुमार रोत ने प्रदेश सरकार पर बोला हमला, वायरल क्लिप में देखे 1500 करोड़ में से क्यों एक रुपया भी नहीं हुआ खर्च ? 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - भारत आदिवासी पार्टी (बाप) के नेता और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने आज राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने न केवल आदिवासी क्षेत्र बल्कि राजस्थान को भी बर्बाद कर दिया है। रोत ने कहा कि आदिवासियों के कल्याण के लिए 1500 करोड़ का बजट रखा गया था, लेकिन एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ और अब नया बजट पढ़ने जा रहे हैं। रोत ने आज उदयपुर में बाप नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ रैली निकाली और सहेली मार्ग पर जनजाति आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखीं।

उन्होंने कहा- राज्य की भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्र के विकास को लेकर राजस्थान को 25 साल पीछे ले जाने का काम कर रही है। ज्ञापन देने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राजकुमार रोत ने कहा- गंभीर विषय यह है कि पिछले बजट में राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति के विकास एवं उद्धार के लिए 1500 करोड़ की घोषणा की थी और अब 19 फरवरी को नया बजट आने वाला है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी की सोच एवं कार्यशैली के कारण उस बजट का एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है। रोत का मानना ​​है कि शायद इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है, ऐसा लगता है कि 1500 करोड़ रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने की योजना है। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए क्या योजना है, यह तो खराड़ी ही जाने।

रोत ने कहा- आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में मां बाड़ी केंद्रों में कार्यरत शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। छात्रावासों में आदिवासियों को भौतिक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, कार्मिकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डबल इंजन की सरकार की बात हो रही है, लेकिन पता नहीं दोनों इंजन दोनों तरफ खींच रहे हैं, जिसके कारण आदिवासी क्षेत्र 25 साल पीछे चला गया है। रोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी अमृत काल की बात करते हैं, लेकिन भजनलाल और बाबूलाल ने राजस्थान को बर्बाद कर दिया है। रोत ने चेतावनी दी कि अगर चार-पांच दिन में 1500 करोड़ रुपए जारी नहीं हुए तो हम लड़ाई लड़ेंगे। उनका कहना है कि आदिवासी बहुल इलाकों में शिक्षा और चिकित्सा की सुविधाएं बेहतर होनी चाहिए।

छात्रावासों और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भौतिक और शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम 15 दिन के अंदर लड़ाई लड़ेंगे। धरियावद विधायक थावरचंद डामोर ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में जनजातियों के विकास के लिए हर साल 500 करोड़ रुपए का बजट दिया जा रहा था। गहलोत सरकार ने आखिरी समय में इसे बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपए कर दिया था। हमें लगा था कि भाजपा सरकार आई है तो वह आदिवासियों के उत्थान के लिए बेहतर सोचेगी। डामोर ने कहा- राजस्थान विधानसभा में पढ़े गए बजट में 1500 करोड़ का जिक्र था, तब हमें लगा था कि यह सरकार आदिवासियों के लिए बेहतर काम करेगी, लेकिन यह साल खत्म होने वाला है और आने वाली 19 फरवरी को राज्य का बजट भी पढ़ा जाएगा और उसमें आदिवासियों से झूठ बोला जाएगा। उन्होंने कहा कि 1500 करोड़ का बजट अभी तक लागू नहीं हुआ है।इससे पहले बाप के कार्यकर्ता कोर्ट चौराहे से रैली के रूप में जनजाति आयुक्त कार्यालय पहुंचे। उन्होंने परिसर में नारेबाजी की और आदिवासियों के बजट के लिए अपनी बात रखी। रावत ने भी नारेबाजी की।