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Udaipur की आर्म्स दुकान में विस्फोट, 2 लोगों के चिथड़े उड़े, मचा हड़कंप

 
Udaipur की आर्म्स दुकान में विस्फोट, 2 लोगों के चिथड़े उड़े, मचा हड़कंप 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, शहर के बीच सवीना में स्थित सब सिटी सेंटर में मंगलवार दोपहर सवा दो बजे बड़ा हादसा हुआ। यहां बंदूक की दुकान (आर्म्स एंड एम्यूनेशन) राजेंद्र देवपुरा एंड कंपनी में धमाका हुआ। इससे दुकान मालिक राजेंद्र (50) पुत्र देवेंद्र देवपुरा हवा में उड़ते हुए 40 फीट दूर जा गिरे। वे इतनी तेजी से सामने की बिल्डिंग पर लगे लोह से गेट से टकराए कि गेट ही मुड़ गया। उनके आगे चल रहा श्रमिक भी उछलकर दुकान के बाहर गिरा। दोनों के चिथड़े उड़ गए। श्रमिक को सवीना में ही लेबर चौपाटी से लाया गया था। उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। जांच के बाद ही कारण बता पाएंगे। पड़ताल में सामने आया है कि दुकान मालिक शोभागपुरा के आशीर्वाद नगर निवासी राजेंद्र श्रमिक के जरिये विस्फोटक पदार्थ से भरा कार्टन नीचे से पहली मंजिल पर ले जा रहे थे। इस दौरान सीढ़ियों में बारिश का पानी होने से पैर फिसला और कार्टन हाथ से छूटा और फट गया। आसपास की इमारतें भी थर्रा गईं।

खास बात यह है कि गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार ने प्रदेश के सभी एसपी-कलेक्टर को 7 फरवरी को आदेश जारी कर विस्फोटक विनिर्माण फैक्ट्रियों और डीलरों के स्टॉक की भौतिक निरीक्षण रिपोर्ट बनाने को कहा था। तीन माह बीतने के बाद भी निरीक्षण रिपोर्ट नहीं मिली तो विभाग ने रिमांइडर भी भिजवाया और निरीक्षण में देरी पर नाराजगी भी जताई थी। इसके बाद 8 मई 2024 को जिला प्रशासन की ओर से ऐसे लाइसेंसियों के स्टॉक की जांच के लिए कहा गया था। अब डीएसपी स्तर के अधिकारी निरीक्षण में जुटे हैं।

विस्फोट के ये 3 कारण

पहला - 12 बोर के कारतूस
आर्म्स एंड एम्यूनेशन के एक्सपर्ट के अनुसार बॉक्स में 12 बोर की बंदूक के कारतूस हो सकते हैं। इन कारतूसों के पीछे ब्रास (पीतल) की कैप लगी होती है। इसके बीच में एक पॉइंट होता है। अगर इस पर जरा सा भी दबाव पड़े तो यह फट जाता है। कार्टन गिरने पर इस पर दबाव पड़ा और धमाका हुआ। एक साथ सभी कारतूस फट गए।

दूसरा - पोटाश गन पाउडर
धमाके का दूसरा कारण कार्टन में पोटाश गन पाउडर (बारूद) और कारतूस की कैप भरी होना भी हो सकता है। दरअसल, मौके पर मिली कैप भी पोटाश गन पाउडर भरने के काम आने वाली जैसी है। यह टोपीदार बंदूक में इस्तेमाल होती है। पोटाश गन पाउडर विस्फोटक का काम करता है और गिरने से फट जाता है।

तीसरा - अवैध विस्फोटक
दुकान के ऊपर स्टोर रूम है। इसमें दुकान मालिक ने अलमारी, खराब कुर्सियां व अन्य सामान रखा है। बंदूक या उससे जुड़ी अन्य सामग्री ग्राउंड फ्लोर पर रखी जाती थी। मंगलवार को स्टोर रूम में रखवाए जा रहे कार्टन में डेटोनेटर जैसा कोई अवैध विस्फोटक होने की आशंका तभी तो इसे दुकान से अलग रखवाया जा रहा था।

दोबारा धमाके की आशंका, शाम तक दुकान में नहीं घुसी पुलिस
विस्फोट के बाद पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन दुकान में दोबारा धमाके की आशंका के चलते किसी ने अंदर प्रवेश नहीं किया। एफएसएल टीम ने भी बाहर से ही साक्ष्य जुटाए। शाम तक दूसरा धमाका नहीं होने पर पुलिस ने दुकान के अंदर रखे सामान को बाहर निकलवाया और जब्त किया। इसे पुलिस लाइन में रखवाया है। इसकी जांच के बाद ही विस्फोट के कारणों का खुलासा होगा।

प्रत्यक्षदर्शी बोले- लगा भूकंप आया है, बिजली गिरने की भी अफवाह
बंदूक की दुकान के पास ट्रांसपोर्ट के ऑफिस और गोदाम हैं। आस-पास मकान कम है। अचानक हुए धमाके से लोग सहम गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आस-पास की इमारतें थर्रा गईं। ऐसा लगा मानो भूकंप आ गया। कान सुन्न पड़ गए। बारिश के बीच हुए हादसे को लेकर अफवाह उड़ गई कि गन की दुकान पर बिजली गिरी है। पुलिस को प्रारंभिक सूचना बिजली गिरने की ही मिली। मौके पर पहुंचने के बाद ही सचाई का पता लगा।

एसपी बोले-अभी साक्ष्य जुटाए हैं, एफएसएल रिपोर्ट आने पर ही कारणों का खुलासा होगा
एसपी योगेश गोयल ने कहा कि एफएसएल टीम ने साक्ष्य इकट्‌ठे किए हैं। अभी विस्फोट के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद इनका खुलासा होगा। बता दें कि सूचना मिलने के बाद आईजी अजयपाल लांबा, एसपी योगेश गोयल, एएसपी उमेश ओझा, डीएसपी छगन पुरोहित, सीआई फूलचंद टेलर, सीआई सुनील चारण, फायर एएफओ नवदीप बग्गा, एफएसएल के अति. निदेशक परमजीत सहित अन्य अफसर पहुंचे। दोनों शवों को एमबी हॉस्पिटल के मोर्चरी में रखवाया गया। शाम करीब 5 बजे फायर टीम के प्रकाश मेनारिया लेडर से पहली मंजिल पर पहुंचे।

शहर में 25 हथियार विक्रेता, इस दुकान को पांच साल पहले ही मिला था लाइसेंस
उदयपुर सबसिटी सेंटर में हुए खतरनाक विस्फोट के बाद आर्म्स की दुकानों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। गृह विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार अकेले उदयपुर शहर में लाइसेंसी हथियार के 25 विक्रेता हैं। राजेंद्र देवपुरा एंड कंपनी के संचालक राजेंद्र को 2019 में लाइसेंस मिला। यह इस साल दिसंबर तक वैध था। उन्होंने नवीनीकरण का आवेदन किया हुआ था, लेकिन विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव के चलते प्रकिया विचाराधीन थी। नए लाइसेंस और नवीनीकरण के लिए आवेदन के बाद कलेक्टर दुकान का निरीक्षण कराते हैं। मापदंड जांचने के बाद गृह विभाग को रिपोर्ट भेजते हैं।