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4 दिन बाद भी सज्जनगढ़ अभयारण्य में लगी आग पर नहीं पाया गया काबू, जानिए कैसे लगी इतनी भयानक आग ?

 
4 दिन बाद भी सज्जनगढ़ अभयारण्य में लगी आग पर नहीं पाया गया काबू, जानिए कैसे लगी इतनी भयानक आग ? 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - उदयपुर के सज्जनगढ़ अभ्यारण्य में मंगलवार शाम 6 बजे लगी आग पर शुक्रवार तक काबू नहीं पाया जा सका है। अब यह आग बढ़कर शुक्रवार सुबह तक उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क के नजदीक पहुंच गई है। इसे देखते हुए वन विभाग और अग्निशमन विभाग की टीम बायोलॉजिकल पार्क पहुंच गई है और सुबह से ही आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही है। बायोलॉजिकल पार्क के नजदीक आ रही आग पर अग्निशमन विभाग द्वारा पानी का छिड़काव कर काबू पाया जा रहा है। वहीं वन विभाग बीटिंग तकनीक के आधार पर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है। हालांकि अभी तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। जानकारी के अनुसार उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क में वर्ष 2024 में भी आग लगी थी, जिसमें 200 हेक्टेयर क्षेत्र जलकर राख हो गया था। इतना ही नहीं वर्ष 2022 में जोधपुर से सेना का हेलीकॉप्टर बुलाया गया था।

5 वर्ग किलोमीटर में फैला है पार्क
बायोलॉजिकल पार्क की बात करें तो यह करीब 5 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसमें शेर, तेंदुआ, बाघ समेत 100 से ज्यादा वन्यजीव हैं। यह शहर से काफी नजदीक है। अभी आग पहाड़ी क्षेत्र में काफी ऊंचाई पर है।

वन विभाग के पास उपकरण नहीं
जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग के पास सिर्फ पीट तकनीक से आग बुझाने के उपकरण हैं, जिसमें झाड़ू से भी आग बुझाई जा रही है।

वर्तमान स्थिति
अभी वन विभाग और दमकल विभाग जंगल में जाकर आग पर काबू पा रहे हैं। कटर के जरिए लैंटाना की झाड़ियों को काटकर फायर लाइन बनाई जाएगी, ताकि आग पार्क की तरफ न फैले।

कैसे लगी आग
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह आग ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है। बताया जा रहा है कि गोरेला रोड के पास वन क्षेत्र में एक ट्रांसफार्मर लगा हुआ है, जिस पर बंदर के कूदने से शॉर्ट सर्किट हो गया, जिससे वहां रखी सूखी लकड़ियों में आग लग गई। तेज हवाओं और सूखी लकड़ियों की वजह से आग फैलती चली गई।

आग की लपटें उठने के बाद अभ्यारण्य के ऊपर धुआं उठने लगा। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों को आग लगने की जानकारी मिली। उन्होंने फायर ब्रिगेड से संपर्क किया, जिसके बाद गोरेला रोड पर दमकल की गाड़ियां भेजी गईं। लेकिन इलाका ऊंचा होने की वजह से दमकल की गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं किया जा सका। हालांकि बुधवार (5 मार्च) शाम को दावा किया गया कि आग पर काबू पा लिया गया है। लेकिन इसके बाद बहुत तेज हवाएं चलने लगीं, जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया, जिससे इस पर काबू पाना और भी बड़ी चुनौती बन गई।