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गर्मियों की छुट्टियों में Udaipur में प्राकृतिक नजारों के साथ ले एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा, यहाँ देखिए टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशंस

 
गर्मियों की छुट्टियों में Udaipur में प्राकृतिक नजारों के साथ ले एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा, यहाँ देखिए टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशंस 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - उदयपुर शहर के आसपास के वन्य अभ्यारण्य भी अपने इको-टूरिज्म के लिए काफी मशहूर हैं। यहां देशी-विदेशी पर्यटक अपनी छुट्टियां बिताने आते हैं। खासकर गर्मी के मौसम में दुनियाभर से पर्यटक यहां आते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को जानवरों को बेहद करीब से देखने का मौका मिलता है।विश्व वन्यजीव दिवस के मौके पर हम उदयपुर संभाग के प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, इन अभ्यारण्यों में कुंभलगढ़, जयसमंद, सीतामाता, फुलवारी की नाल और बाघदरा कंजर्वेशन रिजर्व शामिल हैं। इन जगहों पर इको-ट्रेल्स, वन्यजीव फोटोग्राफी वॉक, एडवेंचर स्पोर्ट्स शामिल हैं।

उदयपुर संभाग के प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्य: 1. कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य (राजसमंद) यह अभ्यारण्य 578 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा अभ्यारण्य है। यहां भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, सियार, चार सींग वाला मृग, सांभर, नीलगाय और पक्षियों की 200 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं।सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य (प्रतापगढ़) 422 वर्ग किलोमीटर में फैला यह अभ्यारण्य दुर्लभ उड़ने वाली गिलहरी और चार सींग वाले हिरणों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप एडवेंचर स्पोर्ट्स और कैंप फायर का मजा ले सकते हैं, साथ ही यहां धार्मिक स्थल भी बने हुए हैं।

बाघदरा कंजर्वेशन रिजर्व (उदयपुर) यह छोटा लेकिन महत्वपूर्ण संरक्षण क्षेत्र वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां इको ट्रेल, वन्यजीव वृत्तचित्र स्क्रीनिंग और संरक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। बाघदरा कंजर्वेशन रिजर्व पार्क मगरमच्छों के लिए स्वर्ग माना जाता है, यहां आपको मगरमच्छों की कई प्रजातियां देखने को मिलेंगी।

जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण्य (उदयपुर) जयसमंद झील के आसपास स्थित यह अभ्यारण्य 160 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां तेंदुआ, चिंकारा, जंगली सूअर, मगरमच्छ और विभिन्न पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां आप जंगल सफारी का आनंद लेते हुए मगरमच्छों को बेहद करीब से देख सकते हैं।फुलवारी की नाल वन्यजीव अभ्यारण्य (उदयपुर) यह पश्चिमी घाट का 511 वर्ग किलोमीटर का जैव विविधता से समृद्ध क्षेत्र है। यहां स्लो लोरिस, तेंदुआ, भालू और दुर्लभ पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह जगह सबसे अच्छी मानी जाती है।

विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर राजस्थान वन विभाग ने वन्यजीवों के अवैध शिकार और वनों की कटाई को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का संकल्प लिया। साथ ही इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए और अधिक सुविधाएं विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।