Udaipur में भाजपा के 18 मंडलों के चुनाव लंबित, तीन पर विवाद बरकरार

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर भारतीय जनता पार्टी संगठन चुनाव में उदयपुर शहर और उदयपुर देहात के अध्यक्ष तो चुन लिए गए लेकिन अभी शहर में 1 और देहात में 17 मंडलों को मिलाकर 18 मंडलों में चुनाव होना बाकी है। यहीं नहीं देहात में जो पहले नाम घोषित किए उसमें भी तीन में विवाद की स्थिति बरकरार है। भाजपा ने मंडल अध्यक्षों के पैनल में जो नाम भेजे है उस पर अब नए बने जिलाध्यक्षों के साथ राय कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर नाम घोषित किए जाएंगे।असल में भाजपा ने उदयपुर शहर जिला में 12 में से 11 मंडल अध्यक्ष घोषित हुए कर दिए है और एक मंडल सुंदर सिंह भंडारी में अभी नाम की घोषणा नहीं की है। शहर में पार्टी जिलाध्यक्ष के रूप में गजपाल सिंह राठौड़ के नाम की घोषणा कर दी थी।
इसी प्रकार भाजपा उदयपुर देहात जिला में 36 मंडलों में से 19 मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित कर दिए थे लेकिन बचे हुए 17 मंडलों के नाम बाकी है। बताते है कि इन मंडलों में भी पैनल बनाकर पूर्व में नाम तैयार कर दिए थे और घोषणा ही बची है।इस प्रक्रिया के बाद उदयपुर देहात जिला में भाजपा ने पुष्कर तेली को जिलाध्यक्ष बना दिया। इसके बाद अब बताते है कि जो पैनल बनाए गए है उस पर पार्टी बेठक में नए जिलाध्यक्ष से राय की जाएगी और इसके बाद प्रदेश से मंडल अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी।इधर, उदयपुर देहात जिला में तीन मंडलों पर विवाद की स्थिति है। विवाद को लेकर अभी भाजपा में कोई निर्णय नहीं किया है लेकिन शिकायतें जरूर प्रदेश संगठन तक पहुंची है।
देहात में इन मंडलों के नामों पर विवाद थमा नहीं
डबोक मंडल : भाजपा ने जीवन सिंह को यहां मंडल अध्यक्ष बनाया। उनकी नियुक्ति के साथ ही उनकी उम्र को लेकर सवाल उठाया गया। इस बीच प्रदेश से उम्र छिपाने के आधार पर निर्वाचन निरस्त करने की बात आई लेकिन पार्टी मंच से कोई पत्र अभी नहीं आया।
भींडर नगर : यहां पर भाजपा ने तिलक व्यास को मंडल अध्यक्ष बनाया। भाजपा महिला मोर्चा देहात की जिला मंत्री मीना टेलर ने विरोध जारी कर प्रदेश को शिकायत कर कहा कि कि मात्र डेढ़ साल पहले पार्टी में आई तिलकेश को मंडल अध्यक्ष बना दिया जो हम स्वीकार नहीं है।
सलूंबर नगर : विजेश भलवाड़ा को सलूंबर नगर मंडल अध्यक्ष बनाया। उनके नाम को लेकर भी आपत्ति आई
देहात जिलाध्यक्ष पुष्कर तेली ने बताया- मंडल अध्यक्षों के नाम जल्द घोषित करेंगे। पहले बने पैनल में जिन नामों पर सबकी सहमति है वहां उनमें से ही नाम तय कर लिया जाएगा और जिस मंडल में आवश्यकता महसूस हो रही है तो वहां नए नाम पर भी चर्चा करेंगे। पार्टी के बीच सर्वसम्मति से चर्चा कर बचे हुए मंडल अध्यक्षों के नाम भी संगठन तय कर देगा।