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Udaipur कानोड़, बड़ीसादड़ी, आसपुर, साबला को सलूंबर जिले में शामिल करने की मांग

 
Udaipur कानोड़, बड़ीसादड़ी, आसपुर, साबला को सलूंबर जिले में शामिल करने की मांग

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर नवम्बर-दिसम्बर माह में प्रदेश के 15 जिलों में पंचायत व जिला परिषद के चुनाव प्रस्तावित हैं। इस बीच नए जिलों में भी पंचायत व जिला परिषद चुनाव को लेकर मशक्कत जारी है। विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा गठित 19 जिलों में पहली बार पंचायत व जिला परिषद के चुनाव होने हैं। ऐसे में पंचायत राज विभाग ने इन जिलों में नई पंचायतों व जिला परिषदों के सीमांकन को लेकर कवायद शुरू कर दी थी। हालांकि, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते यह कवायद रोक दी गई थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि आचार संहिता हटने के बाद जिला परिषदों के सीमांकन का काम फिर से शुरू होगा।

नवसृजित सलूंबर जिले के सीमांकन को लेकर सलूंबर जिला संघर्ष समिति के सचिव प्रहलाद पटेल, तसदुक भाई बोहरा व अन्य के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सलूंबर जिले के विस्तार की मांग की। कहा कि सलूंबर जिले के निवासी पिछले 40 वर्षों से जिले की मांग कर रहे थे। जिले में सलूंबर, सराड़ा, सेमारी, झल्लारा, लसाड़िया, आसपुर, सांवला, ऋषभदेव, धरियावद तहसीलों को शामिल करने की कई वर्षों से मांग की जा रही है। पिछली सरकार द्वारा 17 मार्च 2023 को बजट में केवल सलूंबर, सराड़ा, सेमारी, झल्लारा, लसाड़िया तहसीलों को ही नए जिले सलूंबर में शामिल किया गया।

उसके बाद आसपुर, बड़ीसादड़ी, कानोड़, ऋषभदेव, साबला के आम लोगों द्वारा कलेक्टर, जनप्रतिनिधि के समक्ष सलूंबर जिले में शामिल करने की मांग जोर-शोर से रखी गई, लेकिन किसी कारण पिछली सरकार ने 5 तहसीलों को शामिल कर जिले की अधिसूचना जारी कर दी। आसपुर, साबला के निवासियों को डूंगरपुर जिले से तथा ऋषभदेव के निवासियों को उदयपुर जिले से तथा धरियावद के निवासियों को प्रतापगढ़ जिले से दूरी होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है, जबकि सलूंबर जिला उनके नजदीक है। अब नई सरकार सभी नवगठित जिलों का नए सिरे से सीमांकन करने की मंशा रखती है, जिसमें सलूंबर जिले के निवासियों की मांग है कि सलूंबर जिले का सीमांकन कर आसपुर, साबला, ऋषभदेव, कानोड़, धरियावद तहसीलों को सलूंबर जिले में शामिल किया जाए, ताकि सलूंबर जिले का विस्तार हो सके।

दूरी कम होगी, जिला स्तरीय भर्तियों में मिलेंगे नए पद आसपुर व साबला के निवासियों ने बताया कि सलूंबर जिले में शामिल होने से आमजन को कई सुविधाएं आसानी से मिल सकेंगी। जिला स्तरीय भर्तियों में नए पद मिलेंगे, जिससे कई बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही इसका लाभ अन्य योजनाओं में मिलने वाले बजट में भी मिलेगा। नए जिला मुख्यालय सलूंबर से आसपुर की दूरी मात्र 22 किमी व साबला की दूरी 36 किमी होगी। जबकि आसपुर व साबला से डूंगरपुर जिला मुख्यालय की दूरी 45 व 60 किमी है। कई निवासियों ने आरोप लगाया कि कुछ नेताओं ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते साबला को डूंगरपुर से अलग नहीं होने दिया। अब यदि नई सरकार सलूंबर जिले का विस्तार करती है तो आसपुर व साबला के लोगों को सलूंबर जिले में शामिल होने का इंतजार है। कानोड़ में विकास को सभी ने नजरअंदाज किया, इसलिए पिछड़ा है कानोड़