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Udaipur की 'निर्भया' को न्याय दिलाने के लिए फिर से उठी मांग, जानें पूरा मामला

 
Udaipur की 'निर्भया' को न्याय दिलाने के लिए फिर से उठी मांग, जानें पूरा मामला 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क,  राजस्थान में उदयपुर जिले के मावली थाना क्षेत्र में एक साल पहले हुआ पूजा भील हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर पूजा भील को न्याय दिलाने के लिए एक मुहिम चल रही है। इस मुहिम में हजारों लोग मांग कर रहे हैं कि पूजा भील के हत्यारों को फांसी दी जाए। सोशल मीडिया के ट्विटर पर 'हैशटैग पूजा के हत्यारों को फांसी दो' तेजी से ट्रेंड हो रहा है। साथ में एक साल पहले प्रकाशित खबरों को भी वायरल किया जा रहा है।

पूजा भील हत्याकांड और पुलिस कार्रवाई

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के राज में उदयपुर जिले के मावली क्षेत्र में एक मासूम बच्ची की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। महज 8 साल की मासूम बालिका की निर्मम हत्या करके उसके शव के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए थे। इन टुकड़ों को बोरे में भरकर सुनसान इलाके में फेंक दिया गया था। हत्याकांड के 5 दिन बाद पुलिस ने एक बोरे में से शव बरामद किया था। पोस्टमार्टम से हैरान जनक खुलासा हुआ। पता चला कि मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया था। हैवानियत इतनी कि हत्या के बाद शव के साथ भी दुष्कर्म किया गया था। पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म और हत्या के आरोपी कमलेश उर्फ करण सिंह को गिरफ्तार किया था। साथ ही उसके माता-पिता को भी गिरफ्तार किया गया था।

शव ठिकाने लगाने के लिए किए थे 10 टुकड़े

मासूम बालिका की हत्या के बाद जब आरोपी की गिरफ्तारी हुई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पूछताछ के दौरान पुलिस ने बताया कि आरोपी कमलेश ने पड़ोस में रहने वाली 8 साल की मासूम को घर बुलाया। फिर उसे बंधक बनाकर जबरन दुष्कर्म किया। वारदात को छिपाने के लिए आरोप कमलेश ने गला घोंटकर बच्ची की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसके 10 टुकड़े कर दिए और बोरे में भरकर लकड़ी के बक्से में छिपा दिया। उधर परिजनों ने बच्ची के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज कराई तो कमलेश भी पुलिस के साथ बच्चों की तलाश करने के लिए घूमता रहा। चार दिन तक बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला।

खंडहर में मिला बोरा, बोरे में शव के 10 टुकड़े मिले

कमलेश के घर में लकड़ी के बक्से में पड़े शव से जब बदबू आने लगी तो उसे लगा कि अब मामले का खुलासा होने वाला है। ऐसे में उसने अपने माता पिता को घटना की जानकारी दी। आरोपी के माता-पिता ने भी वारदात को छिपाने का प्रयास किया और बोरे में बंद शव को लकड़ी के बक्से से बाहर निकाल कर घर के पास ही एक खंडहर में बोरा फेंक दिया। शव ढूंढते हुए घूम रहे लोगों को जब बदबू आई तो खंडहर में पड़े बोरे के बारे में जानकारी दी गई। पुलिस ने जांच की तो बोरे में मासूम लड़की के शव के टुकड़े टुकड़े मिले थे। हत्यारे का पता लगाने के लिए डॉग स्क्वायड की टीमें बुलाई गई। डॉग घटनास्थल से सीधा कमलेश के मकान की ओर भागा और भौंकने लगा। बाद में पुलिस ने कमलेश से पूछताछ की तो वारदात का खुलासा हो गया जिसके बाद कमलेश और उसके माता पिता को गिरफ्तार कर लिया गया।

चालान 10 दिन में, सजा आज तक नहीं मिली

वारदात का खुलासा होने पर पुलिस ने बड़ी गंभीरता से मामले की जांच की। एसपी विकास कुमार के निर्देशन में जांच हुई और 10 दिन के भीतर पूरा अनुसंधान करके चालान पेश किया गया। पुलिस ने आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने की कोशिश की लेकिन पूरा एक साल गुजरने के बाद भी आरोपी को सजा नहीं सुनाई जा सकी। आरोपी को फांसी की सजा दिलाने की मांग के साथ यह मामला एक बार फिर ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है।