Udaipur प्रदेश में अपराध हुए कम, 2023 में 2.31 लाख मामले दर्ज, 2024 में सिर्फ 2.13 लाख

उदयपुर न्यूज़ डेस्क , उदयपुर प्रदेशभर में पुलिस अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है। इसका असर अपराधों के आंकड़ों पर भी दिखाई दे रहा है। साल 2023 की तुलना में 2024 में क्राइम ग्राफ नीचे आ गया है।राज्य में अपराधों में 7.3 प्रतिशत की कमी आई है। साल 2023 में 2 लाख 31 हजार 240 केस दर्ज हुए थे। इसके मुकाबले 2024 में 2 लाख 13 हजार 351 केस हुए। इनमें पिछले साल के मुकाबले 17 हजार 889 की कमी आई। बीते साल में सबसे ज्यादा केस 43 हजार 869 चोरी के और सबसे कम 124 डकैती के दर्ज हुए।इनके अलावा अपहरण के 10629, नकबजनी के 7375, दुष्कर्म के 4871, हत्या का प्रयास के 2915, लूट के 1800, हत्या के 1607, बलवा (दंगा फसाद) के 486, अन्य मामलों में 139675 के दर्ज हुए। हालांकि 2023 के मुकाबले इन सभी केसों में भी कमी आई है। महिलाओं के साथ हुए अपराधों की दर भी घट गई है। साल 2023 में दुष्कर्म के 5016 केस थे, जो साल 2024 में 2.89 फीसदी घटकर 4871 दर्ज हुए।
सबसे ज्यादा 22,473 केस जून में, सबसे कम 10,156 दिसंबर में
साल 2024 में ज्यादा 22 हजार 473 केस जून में और सबसे कम 10 हजार 156 दिसंबर में दर्ज हुए। जनवरी में 20,266, फरवरी में 18,115, मार्च में 18,732, अप्रैल में 16,850, मई में 22,258, जुलाई में 19,211, अगस्त में 21,817, सितंबर में 16,910, अक्टूबर में 17,243 और नवंबर में 16,107 केस दर्ज हुए।
विशेष अधिनियम में सबसे ज्यादा 14,572 केस आबकारी एक्ट में दर्ज हुए
2024 में स्थानीय एवं विशेष अधिनियम के 84 हजार 200 केस दर्ज हुए। इनमें 2023 की तुलना में 9.06% कमी आई हैं। 2023 में 86 हजार 243 केस दर्ज हुए थे, जो 2024 के मुकाबले 2407 ज्यादा थे। पिछले साल एक्साइज (आबकारी) एक्ट में सबसे ज्यादा 24 हजार 161 और सबसे कम ईसी एक्ट (कालाबाजारी) के 210 केस आए। ईसी एक्ट दुकानदारों को जरूरी वस्तुओं के अधिक भंडारण और कालाबाजारी से रोकता है। इसके अलावा जुआ अध्यादेश में 17 हजार 333, आर्म्स एक्ट में 6 हजार 804, एनडीपीएस में 5 हजार 246, एक्सप्लोसिव एक्ट में 397, आईटी एक्ट में 578, ध्वनि प्रदूषण एक्ट में 8 हजार 264 और अन्य धाराओं में 21 हजार 207 केस दर्ज किए गए।
पिछले साल प्रदेश में भारतीय दंड संहिता की धाराओं में 2 लाख 13 हजार 351 मामले दर्ज हुए। इनमें से 93 हजार 679 मामलों में अब तक एफआर लग चुकी है। बचे 1 लाख 19 हजार 672 केसों में से 91 हजार 918 मामलों की जांच पूरी कर पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिए हैं। साल 2025 में पुलिस के पास 27 हजार 754 केस पेंडिंग हैं। इनमें चोरी के 2 हजार 809, अपहरण के एक हजार 446, नकबजनी के 709, दुष्कर्म के 585, हत्या के प्रयास के 730, लूट के 284, हत्या के 401, दंगा-फसाद के 75, डकैती के 44 और अन्य मामलों में 20 हजार 671 केस हैं।
कौनसे अपराध किस अधिनियम या संहिता में
भारतीय न्याय संहिता (पहले भारतीय दंड संहिता) में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, अपहरण, दुष्कर्म, दंगा-फसाद, नकबजनी, चोरी समेत अन्य फौजदारी के मामले दर्ज किए जाते हैं। इनके अलावा विशेष अधिनियम में एक्साइज एक्ट, जुआ अध्यादेश, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस, एक्सप्लोसिव एक्ट, ईसी एक्ट, आईटी एक्ट, ध्वनि प्रदूषण व अन्य केस शामिल होते हैं।