उदयपुर में कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बरसे लाठी-डंडे, पुलिस और लोगों की झड़प में महिला हुई बेहोश

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - उदयपुर में कलेक्ट्रेट के बाहर बच्चों और महिलाओं के साथ प्रदर्शन कर रहे 100 मजदूरों को पुलिस ने लाठियां भांजकर खदेड़ दिया। उनका सामान छीनकर फेंक दिया। उन्हें धक्का देकर भगा दिया। एसएचओ ने चेतावनी दी कि अगर कानून के खिलाफ जाकर रास्ता रोका तो केस दर्ज कर जूतों से पीटूंगा और गिरफ्तार करूंगा। घटना दोपहर 2 बजे कलेक्ट्रेट के बाहर भूपालपुरा थाना क्षेत्र में हुई। मध्यप्रदेश से आए इन मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार ने वन विभाग की साइट पर उनसे काम कराने के बावजूद उन्हें भुगतान नहीं किया। ठेकेदार पर उनका करीब 47.5 लाख रुपए बकाया है। मजदूर अपने वेतन को लेकर 3 मार्च से कलेक्टर निवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पिछली 2 रातों से वे कलेक्टर निवास के बाहर सोए थे। इसके बाद बुधवार को वे कलेक्ट्रेट के सामने पहुंचे। आज धरने पर बैठी एक महिला की तबीयत बिगड़ गई, जबकि एक अन्य महिला बेहोश हो गई। इससे पहले मंगलवार रात को भी एक गर्भवती महिला की हालत बिगड़ गई थी।
मजदूरों ने कहा- ठेकेदार ने 47.53 लाख रुपए रोक रखे हैं
मजदूरों के अनुसार हम 100 लोग मध्य प्रदेश से काम के लिए उदयपुर आए थे। वन विभाग के ठेकेदारों ने पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदने का काम करवाया था। मजदूरों का आरोप है कि उन्होंने दो जगह काम किया था। इसमें प्रसाद में ठेकेदार बसंतीलाल के लिए काम किया। वहीं काला मगरा में दूसरे ठेकेदार दिलीप सिंह के लिए काम किया।मजदूरों ने बताया कि उनके काम का कुल भुगतान 51 लाख 12 हजार 735 रुपए है। उन्हें सिर्फ 3.59 लाख रुपए मिले हैं। उनके पास 47 लाख 53 हजार 735 रुपए बकाया हैं।
ठेकेदार ने कहा- सिर्फ 4.31 लाख रुपए बकाया
इधर, ठेकेदार दिलीप सिंह ने बताया कि मेरे पास मजदूरों के 81 हजार 150 रुपए और ठेकेदार बसंतीलाल के पास करीब 3.50 लाख रुपए बकाया हैं। कुल बकाया राशि 4 लाख 31 हजार 150 रुपए अभी देने को तैयार हैं। लेकिन, मजदूर बहुत ज्यादा मांग रहे हैं।
बोरियों में भरकर लाए बिस्तर और खाद्य सामग्री
100 मजदूर 3 मार्च से कलेक्टर निवास के बाहर फुटपाथ पर डेरा डाले हुए थे। मंगलवार रात को गर्भवती अंकिता बाई की हालत बिगड़ गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो दिन तक कलेक्टर निवास के बाहर प्रदर्शन करने के बाद बुधवार को सभी मजदूर कलेक्ट्रेट के सामने पहुंच गए और धरने पर बैठकर विरोध जताना शुरू कर दिया। वे अपने साथ प्लास्टिक की बोरियों में भरकर खाद्य सामग्री और बिस्तर लाए थे। पुलिस ने उन्हें सड़क से हटवाया। पुलिस बल ने लाठियों के बल पर मजदूरों को वहां से खदेड़ा।
कलेक्टर ने कहा-डीएफओ से रिपोर्ट मांगी
मामले को लेकर कलेक्टर नमित मेहता ने कहा-यह ठेकेदार और मजदूरों के बीच का मामला है। मैंने इस संबंध में डीएफओ से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। कलेक्टर ने कहा-मेरी जानकारी में आया है कि मजदूर तय दर से तीन गुना भुगतान की मांग कर रहे थे। जो भी भुगतान बनता है, उन्हें दिया जाएगा। कलेक्ट्रेट के बाहर लाठियों से पीटकर भगाने की जानकारी मुझे नहीं है।