रेलवे का बड़ा कदम! तत्काल टिकट के लिए ई-आधार सत्यापन अनिवार्य, टिकट दलालों पर शिकंजा कसने की तैयारी
रेल मंत्रालय ने यात्री सुविधा और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव करने का फैसला किया है। अब यात्रियों को तत्काल टिकट बुक करने के लिए ई-आधार आधारित पहचान सत्यापन करना अनिवार्य होगा। इस कदम से दलालों और एजेंटों की मनमानी रुकेगी और आम यात्रियों को राहत मिलेगी। आपको बता दें कि इसकी घोषणा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 4 जून को अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर की थी। वहीं, रेलवे बोर्ड ने 5 जून को एक आधिकारिक आदेश जारी कर सभी जोनल रेलवे को ट्रेन में टिकट चेकिंग के दौरान भी यात्रियों की पहचान डिजिटल रूप से सत्यापित करने का निर्देश दिया है।
अब यात्रा के दौरान भी आधार से होगा सत्यापन, टीसी स्टाफ को निर्देश
यात्रा के दौरान भी यात्रियों की पहचान सत्यापन को लेकर रेल मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया है। जहां सभी जोनल रेलवे को निर्देश दिया गया है कि टिकट चेकिंग स्टाफ एमआधार ऐप का इस्तेमाल कर यात्रियों की पहचान की पुष्टि करें। साथ ही, ट्रेन में यात्रा करने वाले रेलवे के अनुबंध आधारित कर्मचारी जैसे खानपान, सफाई आदि की पहचान भी ऐप के माध्यम से सत्यापित की जाएगी। इससे ट्रेनों में घुसपैठ, चोरी और संदिग्ध गतिविधियों पर लगाम लगेगी।
तत्काल बुकिंग में हो रही थी धोखाधड़ी
तत्काल टिकट व्यवस्था आपातकालीन स्थिति में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन समय के साथ यह एजेंटों और टिकट दलालों के लिए कालाबाजारी का जरिया बन गई। एजेंट और दलाल फर्जी आईडी बनाकर टिकट बुक करते हैं, जिन्हें बाद में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है।
अब इस तरह बदलेगी व्यवस्था
ई-आधार प्रमाणीकरण लागू होने के बाद हर यात्री को तत्काल टिकट बुक करते समय अपने आधार से ओटीपी सत्यापन करना होगा। एक आधार पर एक बार में सीमित टिकट ही बुक किए जा सकेंगे, जिससे फर्जी आईडी और दलालों के समूह पर लगाम लगेगी।
