Udaipur में 12 फीट गहरे बिजली टावर के खुले खड्डे में डूबने से नाबालिग की मौत, इसे हदसा कहें या प्रशासन की लापरवाही ?

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - उदयपुर के घासा थाना क्षेत्र में बिजली टावर लगाने के लिए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) की ओर से खोदे गए गड्ढे में डूबने से एक नाबालिग की मौत हो गई। घटना नोल्यो का नोहरा स्थित रिया हाटू मगरी बावजी में हुई। बताया जा रहा है कि 7.65 लाख हाई वोल्टेज लाइन के लिए करीब 12 फीट गहरे और चौड़े गड्ढे खोदे गए थे। जो करीब दो सप्ताह से खुले थे। इनके चारों ओर सुरक्षा के लिए कोई फेंसिंग नहीं थी। गड्ढे में पानी भरा हुआ था। खेलते समय बच्चा गड्ढे में गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार 8 वर्षीय पीयूष डांगी पुत्र पुष्कर डांगी की मौत हो गई।
बच्चा अपने माता-पिता की इकलौती संतान था और अपने नाना-नानी के घर रहकर कक्षा पहली की पढ़ाई कर रहा था। हादसे के बाद ग्रामीण विरोध में उतर आए और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग पर अड़ गए। मामला गरमाता देख तहसीलदार हेमंत शर्मा व घासा थानाधिकारी प्रवीण सिंह राजपुरोहित पुलिस बल के साथ पहुंचे। ग्रामीणों को समझाकर मामला शांत कराया। इसके बाद बच्चे के शव को खेमली राजकीय अस्पताल में रखवाया।
एक दिन पहले ही घर से निकला था, 500 मीटर दूर गड्ढे में मिला शव
पुलिस के अनुसार मृतक बच्चा पीयूष एक दिन पहले शाम को खेलने के लिए घर से निकला था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। परिजनों ने अपने स्तर पर बच्चे की तलाश की। जब वह नहीं मिला तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस व परिजनों ने मिलकर तलाश की लेकिन वह कहीं नहीं मिला।फिर दूसरे दिन दोपहर को बच्चे का शव घर से करीब 500 मीटर दूर गड्ढे में पड़ा मिला। गड्ढे में पानी भरा होने के कारण शव पूरी तरह से कीचड़ से सना हुआ था। इस क्षेत्र में 4 अलग-अलग स्थानों पर गड्ढे खोदे गए थे, जिनमें से दो तीन दिन पहले भरे गए थे और दो खुले थे। जहां किसी प्रकार की फेंसिंग नहीं थी।
इंजीनियर का गैरजिम्मेदाराना बयान, कहा- मुझे पूरी जानकारी नहीं पावर ग्रिड कॉरपोरेशन इंडिया की ओर से तैनात फील्ड इंजीनियर मंदीप सिंह ने गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की पूरी जानकारी नहीं है। उन्हें नहीं पता कि बच्चा किस गड्ढे में गिरा। वह कैसे गिरा। उन्होंने बताया कि गड्ढा खोदने का ठेका पीजीसीआईएल ने कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड को दिया है। गड्ढे में फेंसिंग न होने और मामले में लापरवाही के सवाल पर वह टालते रहे।