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Udaipur में बेदला में प्रकटेश्वर महादेव का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का हुआ आयोजन

 
Udaipur में बेदला में प्रकटेश्वर महादेव का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का हुआ आयोजन

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर शहर से सटा ऐतिहासिक बेदला गांव 4 मई से 8 मई तक श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र बनने जा रहा है. यह अवसर प्राकटेश्वर महादेव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का है. दरअसल, करीब 25 साल पहले 1998 में नागपंचमी के दिन बेदला नदी की खुदाई के दौरान एक शिवलिंग दिखाई दिया था। तभी से प्रकटेश्वर महादेव भक्तों की दृढ़ आस्था के रूप में गांव के अस्पताल चौक में विराजमान हैं।

25 साल पहले शिव भक्तों ने इस शिवलिंग को अस्पताल चौक में बने चबूतरे पर स्थापित किया था। इसके बाद साल 2015 में क्षेत्र के युवाओं ने महादेव का भव्य मंदिर बनवाया। युवाओं की कड़ी मेहनत और लगन के बाद सफेद संगमरमर के ब्लॉकों से बना यह मंदिर अब बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर के निर्माण में लगभग 13 से 14 लाख रुपये की लागत आई है, जिसे शिव भक्तों और भामशाओं के सहयोग से पूरा किया गया है।

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष सुरेश सेन ने बताया कि चार मई से आठ मई तक महादेव मंदिर परिसर में पांच दिवसीय भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में पूर्ण यज्ञ के लिए कलियुग में साधना की नई छवि को बनाए रखने वाले सूरजकुंड के संत अवदेशानंद जी का आगमन होगा. अवदेशानंद जी 7 मई की शाम को बेदला गांव पहुंचेंगे, जहां उनका फूलों से भव्य स्वागत किया जाएगा. इसके बाद उनका फेज धुलाई का कार्यक्रम होगा।

कार्यक्रम समन्वयक प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि इस महोत्सव के तहत दर्जनों अनूठे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जो पौराणिक रीति-रिवाजों, मान्यताओं और परंपराओं से भरपूर होगा। राठौड़ ने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को ऐसे धार्मिक आयोजनों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा. कार्यक्रम का आकर्षण नंदी द्वारा स्थापित शिवलिंग को हटाना होगा। शिवलिंग के भोजन के लिए सप्तधन मंदिर परिसर में एक बड़ा बर्तन लगाकर घर-घर में जमा किया जाएगा।

उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि बैंड की ओर से गंगा मां को आमंत्रण, जुलूस के साथ झांकी, पारंपरिक परिधानों में सभी समाज की महिलाओं की कलश यात्रा, विभिन्न घरों से 56 भोग व्यंजनों का भोग, संगीतमय सुंदरकांड, कलश यात्रा पर जगह जगह ड्रोन की बौछार और इस्कॉन सत्संग का संचालन मंदिर की टीम द्वारा किया जाएगा। इस 5 दिवसीय आयोजन के तहत गांव के सभी मंदिरों और देवताओं को न्योता दिया गया है. वहीं इस प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को सफल बनाने के लिए अलग-अलग जगहों से करीब 21 पंडित जुटेंगे। 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर शहर से सटा ऐतिहासिक बेदला गांव 4 मई से 8 मई तक श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र बनने जा रहा है. यह अवसर प्राकटेश्वर महादेव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का है. दरअसल, करीब 25 साल पहले 1998 में नागपंचमी के दिन बेदला नदी की खुदाई के दौरान एक शिवलिंग दिखाई दिया था। तभी से प्रकटेश्वर महादेव भक्तों की दृढ़ आस्था के रूप में गांव के अस्पताल चौक में विराजमान हैं।

25 साल पहले शिव भक्तों ने इस शिवलिंग को अस्पताल चौक में बने चबूतरे पर स्थापित किया था। इसके बाद साल 2015 में क्षेत्र के युवाओं ने महादेव का भव्य मंदिर बनवाया। युवाओं की कड़ी मेहनत और लगन के बाद सफेद संगमरमर के ब्लॉकों से बना यह मंदिर अब बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर के निर्माण में लगभग 13 से 14 लाख रुपये की लागत आई है, जिसे शिव भक्तों और भामशाओं के सहयोग से पूरा किया गया है।

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष सुरेश सेन ने बताया कि चार मई से आठ मई तक महादेव मंदिर परिसर में पांच दिवसीय भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में पूर्ण यज्ञ के लिए कलियुग में साधना की नई छवि को बनाए रखने वाले सूरजकुंड के संत अवदेशानंद जी का आगमन होगा. अवदेशानंद जी 7 मई की शाम को बेदला गांव पहुंचेंगे, जहां उनका फूलों से भव्य स्वागत किया जाएगा. इसके बाद उनका फेज धुलाई का कार्यक्रम होगा।

कार्यक्रम समन्वयक प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि इस महोत्सव के तहत दर्जनों अनूठे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जो पौराणिक रीति-रिवाजों, मान्यताओं और परंपराओं से भरपूर होगा। राठौड़ ने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को ऐसे धार्मिक आयोजनों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा. कार्यक्रम का आकर्षण नंदी द्वारा स्थापित शिवलिंग को हटाना होगा। शिवलिंग के भोजन के लिए सप्तधन मंदिर परिसर में एक बड़ा बर्तन लगाकर घर-घर में जमा किया जाएगा।

उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि बैंड की ओर से गंगा मां को आमंत्रण, जुलूस के साथ झांकी, पारंपरिक परिधानों में सभी समाज की महिलाओं की कलश यात्रा, विभिन्न घरों से 56 भोग व्यंजनों का भोग, संगीतमय सुंदरकांड, कलश यात्रा पर जगह जगह ड्रोन की बौछार और इस्कॉन सत्संग का संचालन मंदिर की टीम द्वारा किया जाएगा। इस 5 दिवसीय आयोजन के तहत गांव के सभी मंदिरों और देवताओं को न्योता दिया गया है. वहीं इस प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को सफल बनाने के लिए अलग-अलग जगहों से करीब 21 पंडित जुटेंगे।