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Udaipur के सलूम्बर में डर के साए में प्रशिक्षण ले रहे 92 स्वास्थ्य कार्यकर्ता, हर पल लगा रहता है भयानक हादसे का डर

 
Udaipur के सलूम्बर में डर के साए में प्रशिक्षण ले रहे 92 स्वास्थ्य कार्यकर्ता, हर पल लगा रहता है भयानक हादसे का डर 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क - जिला मुख्यालय पर स्थित संभाग स्तरीय राजकीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्र आवासीय का जर्जर भवन इन दिनों हादसों को न्योता दे रहा है। यहां प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता व स्टाफ भी भय के साये में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए 34 वर्ष पूर्व जिला अस्पताल परिसर में यह प्रशिक्षण केन्द्र बनाकर शुरू किया गया था। वर्तमान में इसमें पूरे राजस्थान से मेरिट सूची के अनुसार चयनित होकर प्रवेश पाने वाली 92 स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण ले रही हैं। प्रथम वर्ष में 45 व द्वितीय वर्ष में 47 स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण ले रही हैं।

भय के साये में प्रशिक्षण लेना मजबूरी
जर्जर भवन में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण प्रथम व द्वितीय वर्ष के दो अलग-अलग बैच में संचालित होता है। वर्तमान में इस भवन में 35 स्वास्थ्य कार्यकर्ता आवासीय सुविधा का उपयोग कर रही हैं। लेकिन उन्हें हमेशा किसी बड़े हादसे का डर बना रहता है। उन्होंने बताया कि भवन अंदर व बाहर से पूरी तरह जर्जर हालत में है। आए दिन छत, रोशनदान व दीवारों की छत से प्लास्टर गिरता रहता है। जिसे सफाई कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से हटाया जाता है। भवन के आसपास या नीचे खड़े होने पर किसी भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जिसके चलते जानकार लोग भवन के नीचे किसी को भी खड़ा नहीं होने देते हैं।

34 साल पहले बना था दो मंजिला भवन
प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण 34 साल पहले हुआ था। दो मंजिला प्रशिक्षण केंद्र भवन में कुल 12 कमरे और दो बड़े हॉल हैं। 120 सीटों की क्षमता वाले इस भवन में 92 स्वास्थ्य कर्मी प्रशिक्षण लेते हैं और यहां करीब 35 स्वास्थ्य कर्मी रह रहे हैं। बाकी कर्मी बाजार में किराए के भवन में रहते हैं। भवन की अधिकांश बालकनी, छत, दीवारें, रोशनदान आदि जर्जर हो चुके हैं।

बजट के अभाव में नहीं हो सका मरम्मत कार्य
7 साल पहले लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्य कर्मी प्रशिक्षण भवन का निरीक्षण कर भवन की मरम्मत के लिए 25 लाख का बजट प्रस्ताव बनाया था। प्रस्ताव विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंचा, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते भवन का बजट स्वीकृत नहीं हो सका। इसके बाद 2 वर्ष पूर्व सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भवन की मरम्मत के लिए 40 लाख का बजट प्रस्ताव बनाकर सक्षम अधिकारी को भेजा, लेकिन बजट स्वीकृत नहीं हो सका। जिसका परिणाम यह है कि भवन आज भी जर्जर है। भवन के अंदर बने शौचालयों के दरवाजे टूट रहे हैं तथा खिड़कियों की ग्रिल भी टूटी हुई है। दीवारें व छत टूटने से अधिकांश पंखे व फर्नीचर खराब हो चुके हैं।

भूमि आवंटन की फाइल ठंडे बस्ते में
प्रशिक्षण केंद्र के नए भवन के निर्माण के लिए 4 बीघा यानि 80 बिस्वा भूमि आवंटन का प्रस्ताव तहसीलदार सलूम्बर के माध्यम से उपखंड कार्यालय व जिला कलेक्ट्रेट को भेजा गया था। इस संबंध में अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेश बुनकर ने भूमि आवंटन प्रस्ताव में त्रुटियों व कमियों पर आपत्ति जताते हुए तत्काल 6 मार्च 2024 को उपखंड अधिकारी सलूम्बर को वापस भेज दिया। 31 जुलाई 2024 को तत्कालीन उपखंड अधिकारी पर्वत सिंह चूंडावत ने आपत्ति के अनुरूप पुनः प्रस्ताव तैयार कर जिला कलेक्ट्रेट को भेजा। लेकिन 31 जुलाई 2024 के बाद यह प्रस्ताव लागू नहीं हुआ और भूमि आवंटन की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई।

नगर परिषद ने दिया अनापत्ति प्रमाण पत्र
भूमि आवंटन के संबंध में नगर परिषद सलूंबर ने भवन निर्माण के लिए राजस्व ग्राम करगेता में स्थित 80 बिस्वा भूमि का चयन कर उपखंड अधिकारी को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था।

इनका कहना है
वर्तमान में भवन काफी जर्जर हो रहा है। हर समय दुर्घटना का डर बना रहता है। केंद्र द्वारा आवेदन तैयार कर भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया गया। जिसके बाद फाइल तहसील, उपखंड और जिला कलेक्ट्रेट को भेजी गई। आवंटन के संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है।