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Udaipur नगर निगम में 10 और वार्ड जुड़ेंगे, सेक्टर ऑफिस बनेंगे

 
Udaipur नगर निगम में 10 और वार्ड जुड़ेंगे,  सेक्टर ऑफिस बनेंगे

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर नगर निगम सीमा का विस्तार कर दिया गया है। अब उदयपुर शहर के आसपास से सटी 17 ग्राम पंचायतों के 33 गांवों को नगर निगम में शामिल कर​ दिया गया है। इसके साथ ही शहर के कई पॉश इलाके जो ग्राम पंचायत के अधीन थे वे अब शहरी सरकार के पास हो जाएंगे। आगे वार्डों का पुनर्गठन होगा जिसमें इन क्षेत्रों को बांटा जाएगा।

पिछले नवंबर महीने में नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल खत्म हो गया और चुनाव होने थे लेकिन चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं हुआ। इस बीच निकायों के सीमा विस्तार को लेकर काम शुरू किया गया। इस पर प्रस्ताव स्थानीय स्तर पर तैयार कर राज्य सरकार को भेजा गया था।गुरुवार को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने अधिसूचना जारी की। इसके तहत उदयपुर शहर के 17 पंचायतों के 33 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया।

ये गांव अब नगर निगम सीमा में

पंचायत बड़गांव का राजस्व गांव बडगांव
पंचायत बड़ी का राजस्व गांव हवाला कलां, हवाला खुर्द
पंचायत बेदला का राजस्व गांव बेदला, बेदला खुर्द
पंचायत भुवाणा का राजस्व गांव भुवाणा, रूपनगर
पंचायत सापेटिया का राजस्व गांव सापेटिया, सुखेर
पंचायत शोभागपुरा का राजस्व गांव शोभागपुरा, रेबारियों का गुड़ा, रघुनाथपुरा
पंचायत सीसारमा का राजस्व गांव सीसारमा,
पंचायत बलीचा का राजस्व गांव बलीचा
पंचायत डाकन कोटडा का राजस्व गांव धेाल की पाटी
पंचायत सवीना ग्रामीण का राजस्व गांव सवीना खेडा
देवाली का राजस्व गांव नेला, जोगी तालाब, देवाली
पंचायत तीतरडी का राजस्व गांव बिलिया, फान्दा, तीतरडी, गुखर मंगरी
पंचायत देबारी का राजस्व गांव देबारी, झरणो की सराय
पंचायत भोइयों की पंचोली का राजस्व गांव धोलीमंगरी
पंचायत बेड़वास का राजस्व गांव बेडवास व रकमपुरा
पंचायत कलड़वास का राजस्व गांव कलड़वास मनवाखेड़ा
पंचायत कानपुर का कानपुर, आयड़ ग्रामीण और राजस्व ग्राम देवाली (फतहपुरा)

55 वर्षों के बाद निगम सीमा का हुआ विस्तार

नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अंतिम बार 1969 में तत्कालीन उदयपुर नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार किया गया था, उसके 55 वर्ष पश्चात फिर से वर्तमान उदयपुर नगर निगम क्षेत्र का विस्तार कर शहर से सटे 19 ग्राम पंचायत के 33 गांवों को नगर निगम सीमा क्षेत्र में सम्मिलित किया है।

शहर जैसी सुविधाएं मिलेगी अब इन गांवों को

राम प्रकाश ने बताया कि उदयपुर विकास प्राधिकरण से नगर निगम सीमा क्षेत्र में सम्मिलित हुई ग्राम पंचायत में रहने वाले निवासियों को अब मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलेगा। वर्तमान में कई ग्राम पंचायत में सड़क, नाली एवं रोड लाइट का अभाव है इन्हीं के चलते इन गांवों का संपूर्ण विकास नहीं हो पाया है। चुकी अब इन्हें नगर निगम क्षेत्राधिकार में सम्मिलित किया गया है जिससे ग्रामीणों को पानी, सफाई, घर घर कचरा संग्रहण, रोड लाइट, सड़क एवं नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।

जिला कलेक्टर ने भेजा था प्रस्ताव
जिला कलेक्टर एवं निगम प्रशासक अरविंद पोसवाल द्वारा 27 नवंबर, 2024 को उदयपुर नगर निगम क्षेत्र का विस्तार करते हुए 33 गांवों को नगर निगम सीमा में सम्मिलित करने का प्रस्ताव भेजा गया था। राज्य सरकार द्वारा जिला कलेक्टर के भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए सभी ग्राम पंचायत को नगर निगम क्षेत्र में सम्मिलित किया गया।

सृजित होंगे नए पद
नगर निगम क्षेत्र का दायरा बढ़ने से निगम में कर्मचारी अधिकारीयो की संख्या में भी वृद्धि होगी। वर्तमान में नगर निगम का सीमा क्षेत्र 7 से 8 किलोमीटर के मध्य है जो बढ़कर लगभग 16 से 17 किलोमीटर तक होगा। इस कारण नगर निगम में अधिकारी एवं कर्मचारियों के नए पत्र सृजित होंगे, नए सेक्टर कार्यालय खोले जाएंगे साथ ही निगम द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का विस्तारीकरण भी किया जाएगा।

बनेंगे 10 अतिरिक्त वार्ड
निगम में सम्मिलित 33 गांवों से लगभग 1.05 लाख की जनसंख्या वृद्धि हुई है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में लगभग 4.51 लाख शहर वासी निगम क्षेत्र में निवासरत थे। राज्य सरकार के आदेश अनुसार संभावित तौर पर करीब 10 वार्ड और बढ़ेंगे जिससे निगम क्षेत्र में 80 वार्ड हो जाएंगे।

2008 में विस्तार का प्रस्ताव लिया था
नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि 55 वर्षों पश्चात नगर निगम क्षेत्र का विस्तार कर 33 गांवों को निगम क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है। निगम द्वारा वर्ष 2008 में निगम की बोर्ड बैठक में निगम क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव लिया गया था उसके पश्चात वर्ष 2012 में तत्कालीन राजस्व अधिकारी नितेश भटनागर से प्रस्ताव तैयार करवा कर नगर परिषद ने राज्य सरकार को भिजवाया, तब से यह कार्य प्रक्रियारत था।

विधायक बोले तस्वीर बदलेगी

उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने बताया कि शहर की आस-पास की पंचायतों को नगर निगम में शामिल करवाने के लिए लम्बे समय से प्रयास कर रहा था और अब इसकी अधिसूचना जारी हो गई है। इससे इन क्षेत्रों के विकास को लेकर तस्वीर बदलेगी।जैन ने इन पंचायतो को निगम क्षेत्र में शामिल करने पर राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है। विधायक जैन ने कहा कि इन पंचायतों को निगम क्षेत्र में शामिल करने से इन पंचायतों में मूल भूत सुविधाओं का विस्तार होगा और इन पंचायतों में बड़े विकास के काम अब आसानी से हो पाएंगे।

उदयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने इस अधिसूचना को लेकर कहा कि नगर निगम सीमा में आने पर इन क्षेत्रों का सही तरीके से विकास होगा। प्रवक्ता डॉ संजीव राजपुरोहित ने कहा कि इससे स्वीकृत कॉलोनियों में हजारों स्थानीय निवासियों को सड़क, रोड लाइट, नल कनेक्शन और कचरा निस्तारण जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलेगी।पेराफेरी पंचायत जिला संघर्ष समिति उदयपुर के संयोजक चंदन सिंह देवड़ा ने कहा कि नगर निगम का दायरा बढ़ने से जो पेराफेरी की पंचायतें और गांव इसमें शामिल हो रहे है उनका विकास होगा। उनका कहना है कि प्रशासन अधिसूचना के साथ ही पंचायतों की आबादी भूमि ओर आबादी बसावट वाले बिलानाम आराजी जो पंचायतों को हस्तांतरित होने वाले प्रस्ताव उपखंड अधिकारी की अनुशंसा के बाद पैंडिंग है उन्हें भी निगम को हस्तांतरित किए जाए ताकि बाद में निगम को परेशानी नहीं उठानी पड़े और जनता को राहत मिले।