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Tonk बीसलपुर बांध से जल्द शुरू होगा सिल्ट हटाने का काम, 95 अरब लीटर पानी बढ़ेगा

 
Tonk बीसलपुर बांध से जल्द शुरू होगा सिल्ट हटाने का काम, 95 अरब लीटर पानी बढ़ेगा 
टोंक न्यूज़ डेस्क, टोंक राजमहल. जयपुर, अजमेर व टोंक जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध के जलभराव क्षेत्र में जल्द ही मिट्टी, कंकड़, पत्थर रूपी गाद निकालने का काम शुरू होगा। इससे बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी होगी। अनुमान है कि इससे बांध में करीब 95 अरब लीटर पानी ज्यादा भर सकेगा, जो कई माह तक तीनों जिलों की प्यास बुझा सकेगा।

पीकेसी- ईआरसीपी के तहत हो रहा काम: पीकेसी- ईआरसीपी के तहत एक निजी कंपनी की ओर से इस काम की तैयारी कर ली गई है। कपनी की ओर से गाद निकालने का काम फिलहाल भीलवाड़ा व अजमेर जिलों की सीमा में बाड़ का झोपड़ा गांव के निकट किया जा रहा है। जहां जलभराव के बीच पानी में एकत्र मिट्टी, कंकड़, पत्थर आदि निकाला जा रहा है। अब यह टोंक जिले में शुरू हो जाएगा। इसके लिए ड्रेजर मशीनों की संया बढ़ाई जाएगी।

घट गया था जलभराव: बीसलपुर बांध के जलभराव क्षेत्र में बांध बनने के बाद से लेकर अब तक एकत्र गाद से बांध में जलभराव की मात्रा भी घटी है। बांध परियोजना के अभियंताओं के अनुसार जलभराव से गाद निकालने के बाद अगले बीस वर्षों से तकरीबन 95 एमक्यूएम पानी यानि 95 अरब लीटर पानी का भराव बढ़ने की संभावना है। जो पानी कई दिनों तक जयपुर अजमेर व टोंक जिले की जलापूर्ति की चिंता को समाप्त करेगा। बांध परियोजना के अनुसार बीसलपुर बांध पूर्ण जलभराव 315.50 आर एल मीटर होने पर कुल 21 हजार 300 हैक्टेयर भूमि जलमग्न होती है। अभी लगभग बांध के जलभराव में 18 हजार हैक्टेयर भूमि में पानी भरा हुआ है। जो बनास नदी में बांध से आगे तकरीबन 21 किमी दूर तक भराव है।

बीस साल की अवधि

योजना के तहत इस कार्य की अवधि बीस वर्षों तक की है। कपनी की ओर से अगले बीस वर्षों तक सरकार को करीब 2800 करोड़ का राजस्व दिया जाएगा। वहीं बजरी व अन्य गाद को निर्यात करने से खनिज विभाग को रायल्टी के तौर पर अतिरिक्त राजस्व का भी मुनाफा होगा।

कई नदियां मिलती है

बीसलपुर बांध का जलभराव बारिश के दौरान बहती नदियों जिसमें मुय तया बनास, खारी,डाई, मेनाली, मेनाल, बेडच आदि से होता है जिसमें पानी के बहाव के साथ मलबा रूपी गाद भी बहकर आती है। जो बांध के अप स्ट्रीम में जम जाती है। बांध के निकट बांध से करीब दस से पंद्रह किमी के दायरे के जलभराव में बांध बनने से अब तक किसी प्रकार की लीज नहीं हुई है। ऐसे में निकटवर्ती क्षेत्र में अधिक मात्रा में मलबा एकत्र है। उससे पूर्व अजमेर व भीलवाड़ा जिलों में दो ट्रेजर मशीनों से गाद निकालने का कार्य प्रगति पर है।