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Tonk गांव बंद आंदोलन को मिला समर्थन, किसान गांवों में ही रहे

 
Tonk गांव बंद आंदोलन को मिला समर्थन, किसान गांवों में ही रहे

टोंक न्यूज़ डेस्क, टोंक किसान महापंचायत राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के आह्वान पर आज गांव बंद आंदोलन का प्रभाव जिले में भी देखा गया। कई गांवों ने इस आंदोलन का समर्थन किया और गांव बंद आंदोलन का हिस्सा बने। इसके चलते लोगों ने दूध आदि उत्पादन बाहर नहीं भेजे। इसके चलते दूध की सप्लाई शहरों में प्रभावित रही। वहीं कृषि मंडी में भी मात्र छह गेटपास कटे।

किसान महापंचायत युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चौधरी ने बताया कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने आदि मांगों को लेकर किसान महापंचायत की ओर से बुधवार को प्रदेश भर में स्वैच्छिक गांव बंद का आव्हान किया था। इसके चलते आज टोंक जिले में भी इस आव्हान को अच्छा समर्थन मिला। किसान अपने उत्पाद शहरों में बेचने के लिए नहीं भेजे। गांवों से फल, फूल, सब्जी, दूध, अनाज जैसे उत्पाद बेचने के लिए बाहर नहीं ले गये। गांव का व्यक्ति भी गांव में रहा। यातायात के साधनों को रोका नहीं गया, बल्कि उनमें बैठने से किसानों ने स्वयं को रोका। इमरजेंसी को छोड़कर किसान गांव से बाहर कम ही गए। इसका असर यह रहा कि आज दूध की सप्लाई शहरों में प्रभावित रही।

किसान नहीं पहुंचे मंडियों में

टोंक जिले में गांव बंद आन्दोलन का बड़ा असर रहा। टोंक जिले की कृषि उपज मंडी टोंक, मालपुरा, दूनी ,देवली, उनियारा और निवाई से निवाई कृषि उपज (प्रथम श्रेणी) मंडी में करीब आधा दर्जन गेट पास कटे हैं जबकि इस मंडी में प्रतिदिन हजारों किसान गेटपास कटवाते थे। जिंस बेचने नहीं पहुंचे।