Tonk छात्रों ने स्कूल में लगाए पेड़ तो तापमान हुआ कम और बदल गई तस्वीर
टोंक न्यूज़ डेस्क, पेड़ प्रकृति का श्रृंगार होते है। पेड़ छाया ही नही देते जीवन को संवार भी देते है। हर मौसम में पेड़ उपयोगी होता है लेकिन अंधाधुंध विकास की दौड़ में पेड़ काटकर नष्ट किए जा रहे है।जिससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। ऐसे में राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय सांवतगढ़ के शिक्षकों ने पेड़ लगाने और उनको बचाने का बीड़ा उठाया। करीब छह वर्ष पूर्व एक भी पेड़ नहीं होने से विद्यार्थी लू के थपेड़े सहते थे। लेकिन विद्यालय परिसर में शिक्षकों ने विभिन्न प्रजाति के तीन सौ पेड़ पौधे लगाकर विद्यालय की तस्वीर बदल दी।अब विद्यार्थी गर्मी से भी बचते है और पेड़ की छांव भी लेते है। शिक्षक तरुणराज ने कार्यग्रहण के बाद शिक्षक साथियों के साथ मिलकर कार्ययोजना से नजारा बदला।इस विद्यालय में पहले एक पेड़ था जो सामूहिक प्रयास से बढ़कर तीन सौ पार हो गए।
6 साल पहले हुई शुरुआत
पेड़ पौधों के कारण अन्य जगह के मुकाबले विद्यालय का तापमान 4-5 डिग्री कम रहता है । यह भी संयोग रहा कि छह वर्ष पूर्व विश्व पर्यावरण दिवस पर ही शिक्षक तरुणराज ने विद्यालय में आकर कार्यग्रहण किया था। तब इस विद्यालय में मात्र एक पेड़ था। गर्मी में लू व धूप से तो स्थिति रेगिस्तान से भी बेदतर थी। संस्था प्रधान अशोक शर्मा,सुरेश कंवर, सुमन मीणा, गिरजा मीणा, मानसिंह, हेमराज, गंगा बिशन, मुकेश प्रजापति, हेमराज, तरुण राज बताते हैं कि हरियाली के लिए एक मटका एक पौधा पद्धति अपनाई गई जो सफल रही है। इसमें एक बार पानी भरने पर एक पखवाड़े तक पेड़ पौधों को पानी पिलाने की आवश्यकता नहीं रहती है।विद्यालय में बरगद, पीपल, जामुन, चिल्लर , आंवला, गुडहल, चमेली, अशोका, रातरानी, कनेर आदि पेड़ पौधे हैं। साथ ही किचन गार्डन, ग्रास गार्डन, बाल वाटिका आदि है।
बच्चों ने निभाई भागीदारी
विद्यालय को हराभरा बनाने के लिए साथी शिक्षक मुकेश प्रजापति व अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर नवाचार करने का संकल्प किया। संकल्प के लिए उसी वर्ष जुलाई में अभियान आपणो स्कूल- आपणो रुख शुरू किया। योजना के तहत विद्यालय में सैकड़ों पौधे लगाए और नव प्रवेश लेने वाले बच्चों को एक पौधा देकर सुरक्षा की जिमेदारी दी गई। स्टाफ में भी किसी का जन्मदिन होने पर विद्यालय में पौधा लगा देखरेख की जिमेदारी स्वयं की तय की।