Tonk गैर अनुमोदित कॉलोनियों में सीवरेज बिछाने पर नगर परिषद को होगा राजस्व घाटा

टोंक न्यूज़ डेस्क, शहर को स्वच्छ बनाने के लिए चल रहे सीवरेज लाइन के काम में अब बड़ी अनदेखी सामने आ रही है। दरअसल उन कॉलोनियों में भी सीवरेज लाइन डाली जा रही है जो अभी अनुमोदित ही नहीं है। कॉलोनाइजर ने बिना दस्तावेज के ही प्लाट बेच दिए। वहां कुछेक मकान बन भी गए हैं। जहां तक सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है। जबकि यह सीधा-सीधा राजस्व का नुकसान है। इसका कारण है कि सीवरेज लाइन बिछाने के बाद वहां के लोग सड़क, बिजली व पानी के साथ पट्टे की मांग करेंगे। मजबूरन जिला प्रशासन को दबाव में आकर लोगों को बिना अनुमोदित कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को पट्टा जारी करना होगा। इससे नगर परिषद को दोहरा नुकसान होगा। ऐसा पहले भी कई कॉलोनियों में हो चुका है। जहां नगर परिषद ने पट्टे जारी किए हैं।
शिकायत भी कराई है दर्ज
नगर परिषद के अधिकारियों की ओर से कॉलोनाइजर पर बरती गई मेहरबानी की शिकायत भी जिला प्रशासन तक पहुंची है। जनसुनवाई समेत नगर परिषद के प्रशासक और अतिरिक्त जिला कलक्टर को शिकायत मिली है। इसमें बताया कि नगर परिषद ने पिछले 14 साल में शहर में 70 कॉलोनियों से अधिक को दस्तावेजों में कमी के बावजूद अनुमोदित किया है। इसमें से तीन दर्जन कॉलोनियां तो ऐसी जिन्हें बिना आबादी के ही स्वमोटो में अनुमोदित कर दिया है। इससे नगर परिषद करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। अब उनमें सुविधा के लिए नगर परिषद को फिर से करोड़ों रुपए खर्च करने होंगे।
यह नहीं दे रहे शुल्क
अनुमोदन से पूर्व नगर परिषद को विकास शुल्क, आंतरिक विकास शुल्क, बीएसयूपी शुल्क जमा करना होता है। लेकिन दर्जनों कॉलोनियों में यह शुल्क तक नगर परिषद में जमा ही नहीं कराया है। इनमें से नरम सेठ नगर कॉलोनी, स्टार एग्री वेयर हाउसिंग एंड कोलेटूल मैनेजमेंट लि. आवासीय कॉलोनी साकेत विहार, रौनक पार्क, मधुबन विहार, रिशील नगर, सन्दूराम नगर कॉलोनी को तो नोटिस जारी हुए सालभर हो गया। लेकिन राशि जमा नहीं हुई। अब इनमें से कई कॉलोनियों में सीवरेज लाइन डाली जा रही है।