Tonk हाईकोर्ट ने शिक्षक के निलंबन पर रोक लगाई, 2 अधिकारियों को किया तलब
टोंक न्यूज़ डेस्क, राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर खंडपीठ ने राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक को निलंबित करने के आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी। इसके अलावा मामले में जवाब दाखिल नहीं करने और सरकारी वकील के उपस्थित नहीं होने पर राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से 13 मई तक शपथ पत्र के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया है.
न्यायाधीश गणेश राम मीना की एकलपीठ ने यह आदेश मालपुरा उपखंड के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय थड़ी के शिक्षक भंवर लाल गुर्जर की ओर से अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में बताया गया है कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने याचिकाकर्ता को 27 जनवरी 2021 को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 के तहत प्रशासनिक आधार पर निलंबित कर बीकानेर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया. इसके बाद 16 मार्च 2021 को मुख्यालय बदलकर टोंक डीईओ कार्यालय कर दिया गया. 31 अक्टूबर 2022 को टोंक डीईओ ने पुनः याचिकाकर्ता का मुख्यालय बदलकर बीकानेर निदेशालय कर दिया।
याचिका में इन आदेशों को चुनौती दी गई थी. नवंबर 2022 से कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिका पर अपना जवाब पेश करने के लिए करीब 4 मौके दिये, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया. सोमवार को सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से कोई सरकारी वकील मौजूद नहीं रहने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए शिक्षक के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी और उन्हें तत्काल कार्यभार ग्रहण करने का आदेश दिया. साथ ही विभाग की ओर से जवाब पेश नहीं किए जाने पर राज्य के एसीएस शिक्षा विभाग और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को मामले में शपथ पत्र के साथ स्पष्टीकरण पेश करने के आदेश दिए हैं. स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं करने पर दोनों अधिकारियों को 13 मई को व्यक्तिगत न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. आवेदक के वकील ने कहा कि शिक्षक को वर्ष 2019 में राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें बिना कारण बताए निलंबित कर दिया गया है. . जबकि आज तक विभाग की ओर से उन्हें कोई आरोप पत्र नहीं दिया गया है.