Tonk अलीगढ़ के पवन को अमृता देवी बिश्नोई पुरस्कार
टोंक न्यूज़ डेस्क, अमृता देवी बिश्नोई के अविस्मरणीय बलिदान की स्मृति में तथा पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान सरकार के वन विभाग द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार जिले के अलीगढ़ निवासी पवन कुमार जैन को प्रदान किया गया। बुधवार को जिले के दूदू में आयोजित राज्य स्तरीय वन महोत्सव कार्यक्रम में सीएम भजनलाल शर्मा ने एएसपी पवन कुमार जैन को अमृता देवी बिश्नोई स्मृति पुरस्कार प्रदान किया। वर्तमान में वे कोटा में एएसपी हैं। वे अब तक चार लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं तथा उन्हें सुरक्षित भी रख चुके हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सीएम ने उन्हें राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किया है। सम्मान मिलने पर क्षेत्र के लोगों ने खुशी जताई है। उल्लेखनीय है कि जिले को यह पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य तीसरी बार मिला है। वर्ष 2010 का राष्ट्रीय अमृता देवी बिश्नोई पुरस्कार दादू दयाल पर्यावरण संस्थान रानीपुरा को काले हिरणों को संरक्षण प्रदान करने के लिए वर्ष 2013 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री द्वारा प्रदान किया गया था।
इस संस्थान को वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए 2015 में राज्य स्तरीय अमृता देवी स्मृति पुरस्कार मिला था। इसी तरह ट्री मैन ऑफ इंडिया विष्णु लांबा को भी अमृता देवी स्मृति पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा जिले के युवाओं को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर राज्य के कई सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिल चुके हैं। जिले के अलीगढ़ में जन्मे कोटा एएसपी पवन कुमार जैन भी जिले की एक ऐसी शख्सियत हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की जरूरत का संदेश भी दे रहे हैं। बुधवार को राज्य स्तरीय वन महोत्सव कार्यक्रम में कई मंत्रियों और प्रबुद्धजनों की मौजूदगी में सीएम ने उन्हें सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के संकल्प के अनुरूप बुधवार को प्रदेशभर में लाखों पौधे रोपे गए।
अमृता देवी पुरस्कार बलिदान की याद दिलाता है, वर्ष 1730 में जोधपुर जिले के खेजड़ली गांव में तत्कालीन जोधपुर रियासत के राजा ने जोधपुर किले के निर्माण के लिए चूना पकाने के लिए खेजड़ी गांव से पेड़ों को काटने का आदेश दिया था। जब राजा के प्रतिनिधि पेड़ काटने के लिए खेजड़ली पहुंचे तो वहां के बिश्नोईयों ने सामूहिक रूप से इसका विरोध किया। जब पेड़ काटने वालों ने यह बात वहां के दीवान को बताई तो उसने पेड़ों को जबरन काटने का आदेश दे दिया।