Tonk 5500 वर्ष पूर्व राजा नल दम्पति ने वैद्यनाथ धाम में की थी तपस्या
टोंक न्यूज़ डेस्क, टोंक जिले में एक ऐसा अनूठा वैधनाथ धाम है जहां शिव परिवार के साथ मछलियों का भी जलभिषेक किया जाता है। टोंक जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर टोंक-सवाई माधोपुर नेशनल हाईवे के पास रूपवास रोड पर 1 किमी दूर हजारों साल पुराना अनोखा वैधनाथ धाम है।
प्रकृति की गोद में बसा हुआ ये विश्व का एक मात्र प्राचीन शिव मंन्दिर है जिसकी शिव परिवार में 5 मछलियों को पूजा जाता है। उनका भी शिव परिवार के साथ जलाभिषेक किया जाता है। ये पांचों मछलियां शिव परिवार का हिस्सा हैं।
मान्यता है कि राजा नल और उनकी पत्नी दमयंती ने यहां तपस्या की थी। राजा नल नैषध राज्य (वर्तमान ग्वालियर मध्यप्रदेश) के राजा वीरसेन के पुत्र थे। ये करीब साढ़े पांच हजार साल पहले महाभारत काल से पूर्व बहुत ही सुंदर राजकुमार थे। उनका विवाह विदर्भ देश के राजा भीष्मक ( भीम) की पुत्री दमयंती ( महाभारत ग्रंथ के अनुसार कृष्ण भगवान की पत्नी रुक्मणी की चौथे नंबर की बहन) के साथ स्वयंवर के जरिये विवाह हुआ था।
विवाह होकर राजकुमारी रानी के रूप में नैषध राज्य में आई तो कुछ दिन बाद एक ब्राह्मणी दसा माता का सूत का डोरा महिलाओं को दे रही थी। जब रानी ने उनको देखा तो पूछा कि ये आप क्या दे रही हो तो उन्होंने बताया को ये डोरा गले मे सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना से बांधती है ।