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एकबार फिर विधानसभा में पेश होगा राजस्थान सरकार का भू-जल विधेयक, जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बताया कारण

 
एकबार फिर विधानसभा में पेश होगा राजस्थान सरकार का भू-जल विधेयक, जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बताया कारण 

टोंक न्यूज़ डेस्क - जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि राजस्थान सरकार ने राज्य में भूजल को नियंत्रित करने वाले भूजल प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक को फिर से विधानसभा की प्रवर समिति को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में कोई यू-टर्न नहीं लिया है। इसके लिए केंद्रीय कानून बनाया गया है। उसके तहत राजस्थान को विकसित करने और उद्योग लगाने के लिए केंद्र से अनुमति लेनी होती है। इसी के चलते पिछले दिनों 50 हजार करोड़ के एमओयू वापस लिए गए।

चौधरी ने कहा कि राजस्थान सरकार चाहती है कि अन्य राज्यों की तरह इस मामले में भी राज्य सरकार का कानून बने, ताकि लोगों को आसानी से पानी मिल सके। इसके लिए पिछले दिनों विधानसभा में विधेयक लाया गया था। इसका भी कुछ सदस्यों ने विरोध किया था। हमारी सरकार ने लोगों की भलाई के लिए इसे वापस प्रवर समिति को भेज दिया है। इसमें सुधार कर विधानसभा में पेश किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने टोंक में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत एवं विश्व क्षय रोग दिवस तथा विकासशील भारत युवा संसद-2025 के जिला स्तरीय कार्यक्रम एवं पुरस्कार वितरण समारोह में मीडिया से बातचीत करते हुए यह बात कही। मंत्री चौधरी ने कहा कि 85 प्रतिशत पानी का उपयोग किसान करते हैं। 10.7 प्रतिशत पानी उद्योगों के लिए उपयोग होता है।

किसानों व घरों में ट्यूबवेल लगाने की अनुमति पहले से है। उद्योगों को केंद्र सरकार के कानून के तहत अनुमति लेनी होती है। इसके चलते पिछले दिनों 50 हजार करोड़ के एमओयू वापस लिए गए। इसलिए राज्य सरकार इस पर अपना अलग से विधेयक लाना चाहती है। इसे पिछले दिनों विधानसभा में रखा गया था, लेकिन कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया है। इसलिए इसे लोगों के कल्याण के लिए बेहतर बनाने की मंशा से वापस प्रवर समिति को भेजा है। अब हम इससे बेहतर विधेयक लाएंगे। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष चंद्रवीर सिंह चौहान, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष अजीत सिंह मेहता, पूर्व नगर परिषद सभापति लक्ष्मी जैन, जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी परशुराम धानका मौजूद थे।