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Rajasthan Monsoon 2025: टोंक जिले का प्रमुख बांध रहेगा सूखा, जानिए क्या है जल भराव संकट की वजह ?

 
Rajasthan Monsoon 2025: टोंक जिले का प्रमुख बांध रहेगा सूखा, जानिए क्या है जल भराव संकट की वजह ?

राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण चंदलाई बांध के भरने का खतरा मंडरा रहा है। कचोलिया व सोनवा गांव का रास्ता बरसात में बंद रहेगा। दोनों गांवों में जलभराव की भी आशंका है। इसका कारण यह है कि सोनवा गांव में चंदलाई गांव के कैचमेंट एरिया में कॉलोनी विकसित की जा रही है। यह अरनियामाल से सोनवा होते हुए चंदलाई के बीच नाले में है। जो चंदलाई बांध का कैचमेंट है। राजस्व विभाग को भी इसकी जानकारी है। लेकिन पटवारी से लेकर उच्च स्तर तक इसकी अनदेखी की जा रही है। इसका खामियाजा चंदलाई बांध के साथ कचोलिया व सोनवा गांव के लोगों को भुगतना पड़ेगा। 

गौरतलब है कि जलाशय, तालाब, नाडी, नदी जल भराव, आउटलेट व कैचमेंट एरिया में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। निर्माण तो दूर की बात है। लेकिन अधिकारियों की मौन स्वीकृति के कारण नाडी-तालाब सुरक्षित नहीं है। कई नाडी खत्म हो गई है और अब तालाब विलुप्त होने की कगार पर है। सोनवा गांव के मुकेश कुमार, रामलाल, हरिओम आदि ने बताया कि चंदलाई बांध में कचोलिया-सोनवा मार्ग से पानी आता है। इस मार्ग पर नाडी के खेत में नियमों की अनदेखी कर कॉलोनी काट दी गई है। जबकि यह बहाव क्षेत्र है। बारिश के दिनों में यहां पानी भरा रहता है। कई बार रास्ता बंद हो जाता है। 

ऐसे में कॉलोनी काटने के बाद किए जा रहे निर्माण से चंदलाई बांध सूखा रहेगा। साथ ही पानी अपना रुख बदलकर आबादी क्षेत्र में चला जाएगा। ग्राम पंचायत की मौन स्वीकृति ग्राम पंचायत को भी चंदलाई बांध के कैचमेंट एरिया में कॉलोनी काटे जाने की जानकारी है। लेकिन मौन स्वीकृति देकर इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। जबकि उन्होंने अभी तक कॉलोनी के लिए कोई एनओसी जारी नहीं की है। मामले में ग्राम विकास अधिकारी और पटवारी लापरवाही बरत रहे हैं। जबकि कैचमेंट एरिया में कॉलोनी काटने पर सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी को आपत्ति जतानी चाहिए थी। पटवारी को भी ग्राम पंचायत से एनओसी मांगनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। बल्कि आस-पास की खाली पड़ी जमीन भी अब सुरक्षित नहीं है।

सरकार के आदेश पर हर साल पानी और जलाशयों को बचाने के लिए अभियान चलाया जाता है। लेकिन जिले की नाड़ियां और तालाब सुरक्षित नहीं हैं। इनमें बनी कॉलोनियों को देखकर लगता है कि टोंक जिले में पानी और जलाशयों को बचाने की मुहिम महज कागजों पर औपचारिकता बनकर रह गई है।

इनका कहना है
चंदलाई बांध में अरनियामाल से पानी आता है। बीच में किसी तरह की रुकावट नहीं आ सकती। अगर ऐसा है तो प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी। ताकि भविष्य में बांध में पानी की रुकावट न आए। सोनवा से चंदलाई बांध तक जाने के लिए बड़ा कैचमेंट नाला है। इस पर कॉलोनी बनाई जा रही है। ग्राम पंचायत ने इसकी एनओसी नहीं दी है। पंचायत की नजर में यह अभी भी अवैध है। हम प्रशासन से कैचमेंट पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे।