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Tonk जिले में ई-धरती पोर्टल लिंक से नामांतरण प्रक्रिया को मिलेगी मंजूरी

 
Tonk जिले में ई-धरती पोर्टल लिंक से नामांतरण प्रक्रिया को मिलेगी मंजूरी

टोंक न्यूज़ डेस्क, टोंक सरपंचों की एसएसओ आईडी ई-धरती पोर्टल से लिंक करने के आदेश गत दिनों राजस्व मंडल ने जिला कलक्टर (भू-अभिलेख) को दिए हैं। निर्देश के तहत एनआइसी जयपुर की ओर से पंचायत स्तर से निर्णित होने वाले नामांतकरण के लिए ई-धरती सॉफ्टवेयर पर ग्राम पंचायत से सम्बन्धित गांवों की मैपिंग कराए और सरपंच की एसएसओ आइडी लिंक कराई जाए। वेरिफाई किए जाने के लिए तहसील स्तर पर आरपीजी तथा तहसीलदार की आइडी पर विकल्प दिया गया है। अभी यह प्रक्रिया अलवर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चल रही थी। लेकिन वहां भी इसका प्रिंट निकालकर पंचायत की बैठक में रखा जाता था।

जल्द हो जाएगा कार्य

अब सरपंच की आइडी लिंक होने से यह प्रक्रिया पूरी तरह पेपर लेस हो जाएगी। आदेश के मुताबिक प्रदेश में 55 लाख 77 हजार से अधिक नामांतकरण निर्णित हो चुके हैं। वहीं 37 हजार से अधिक नामांतकरण निरस्त हुए हैं। करीब 68 हजार नामांतकरण पेंडिंग है। आइडी लिंक होने के बाद कार्य जल्द हो जाएगा। नामांतकरण में मंजूरी वर्तमान प्रक्रिया में पटवारी नामांतकरण दर्ज करता है। इसके बाद मंजूरी के लिए गिरदावर को भेजा जाता है। गिरदावर जांच कर पटवारी को वापस भेजता है। इसके बाद पटवारी इसका प्रिंट निकालकर ग्राम पंचायत की बैठक में निर्णय के लिए रखता है।

इधर, जिला प्रमुख सरोज बंसल ने बताया कि सरपंच मंजूरी का निर्णय ग्राम पंचायत की बैठक में करता है। जबकि सरपंच की आइडी लिंक होने के बाद नामांतरण सरपंच की आइडी पर ऑन लाइन पहुंच जाएगा। सरपंच ऑलाइन मंजूरी देगा। इसके बाद पटवारी की ओर से ऑन लाइन नामांतकरण मंजूरी के लिए सरपंच को फॉरवर्ड किया जाएगा। जहां 30 दिवस की अवधि में प्रक्रिया पूरी होगी। प्रदेश के 10 हजार सरपंचों की एसएसओ आईडी ई-धरती पोर्टल से लिंक की जाएगी। इसके जरिए ही नामांतरण की प्रक्रिया को मंजूरी मिलेगी। इससे यह प्रोसेस पेपरलेस होगा। वहीं पेंडेंसी किस स्तर पर है, इसका भी पता चल सकेगा।