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राजस्थान की विधानसभा में गूंजी टोंक के बीटा - बेटी की आवाज, बोले 'अधिकारों की बात सब करते हैं, कर्तव्यों की क्यों नहीं करते'

 
राजस्थान की विधानसभा में गूंजी टोंक के बीटा - बेटी की आवाज, बोले 'अधिकारों की बात सब करते हैं, कर्तव्यों की क्यों नहीं करते'

टोंक न्यूज़ डेस्क - बुधवार को विधानसभा जयपुर में आयोजित विकासशील भारत युवा संसद में टोंक जिले के 9 विद्यार्थी शामिल हुए। उन्होंने विकसित भारत पर अपने विचार रखे। इसका सार यह रहा कि युवाओं को राजनीति में भी अहम भूमिका निभानी चाहिए, लोगों को अफसरों के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर दंगे हो रहे हैं। भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। युवाओं ने उम्मीद जताई कि पूरा विश्व सुखी और स्वस्थ रहेगा। टोंक जिले की अंतरा जैन ने बुधवार को विधानसभा में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि अधिकारों की बात तो सभी करते हैं, कर्तव्यों की क्यों नहीं, अगर युवा नायक है तो विधायक क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि युवा संसद में हम अधिकारों की बात जरूर करते हैं लेकिन कर्तव्यों की बात क्यों नहीं करते? कहा जाता है कि युवा शक्ति है, युवा आधार है, युवा नायक है। युवा नायक विधायक क्यों नहीं है? संविधान को मजबूत करने के लिए युवा नेताओं, युवा नेतृत्व, युवा विचारों की जरूरत है। युवाओं को लोकतंत्र और सुधार के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। कहा भी गया है कि युवा शक्ति है, सशक्त है। युवा चाहें तो विश्व पटल पर अपना परचम लहरा सकते हैं, योग, ज्ञान, विज्ञान में सभी को आगे बढ़ना चाहिए।

उन्होंने कहा, क्या आप सभी को ऐसा नहीं लगता कि जिस स्तर पर हम अपने अधिकारों की बात करते हैं, उसी स्तर पर यदि हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें तो निश्चित रूप से सभी के अधिकार सुनिश्चित हो सकते हैं। ज्ञान और विज्ञान हर चीज में आगे बढ़ना चाहिए। युवा ठान लें तो पूरा विश्व भारत के सामने झुकेगा, युवा ठान लें तो हमारा भारत विकसित राष्ट्र बनेगा।उन्होंने कहा, अंत में मैं यही कहना चाहूंगी कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमें अपने संविधान द्वारा प्रदत्त अवसरों का इस तरह से उपयोग करना चाहिए कि पूरा विश्व और पूरी मानवता खुश और स्वस्थ हो। यानी सभी खुश और स्वस्थ हों। कार्यक्रम में सबसे ज्यादा छात्र वनस्थली विद्यापीठ से गए थे।

ऋषभ ने मौजूदा हालात पर भी कटाक्ष किया
टोंक से ऋषभ ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं और भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकार को मार देते हैं, क्या यही जीवन का मूल्य है?युवा संसद में टोंक से ऋषभ ने मौजूदा हालात पर तीखी टिप्पणी की। ऋषभ ने कहा- हम धार्मिक स्वतंत्रता की बात करते हैं लेकिन देश में हर दिन धार्मिक दंगे हो रहे हैं। हम जीने के अधिकार की बात करते हैं लेकिन हर दिन देश के युवाओं को कुचला जा रहा है और सजा के नाम पर हम उनसे निबंध लिखवा रहे हैं। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हैं लेकिन अगर कोई पत्रकार भ्रष्टाचार को उजागर करता है तो उसे मार दिया जाता है, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या यही जीवन का मूल्य है। क्या यह संवैधानिक अधिकार है? सिर्फ कागजों तक सीमित रहने से काम नहीं चलेगा, हकीकत भी देखनी होगी।