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जल्द दूर होगी 1256 गांव और 6 शहरों की पेयजल समस्या, ईसरदा बांध प्रोजेक्ट का 90% तक कार्य पूर्ण

 
जल्द दूर होगी 1256 गांव और 6 शहरों की पेयजल समस्या, ईसरदा बांध प्रोजेक्ट का 90% तक कार्य पूर्ण 

राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। टोंक और सवाई माधोपुर जिले में स्थित ईसरदा बांध का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। बांध के पियर्स और गेट का काम पूरा हो चुका है, सिर्फ मिट्टी के बांध का आंशिक काम बाकी है। जानकारी के अनुसार इस बार से ईसरदा बांध में पानी का भंडारण शुरू हो जाएगा। जिससे दौसा, सवाई माधोपुर और कई शहरों के कई गांवों को पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी।

पेंस और गेट का काम पूरा
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार अंतिम छोर तक सुचारू पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। सवाई माधोपुर और दौसा जिले में पेयजल आपूर्ति को देखते हुए ईसरदा बांध का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। बांध के निर्माण का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। बांध के पियर्स और गेट का काम पूरा हो चुका है। जल संसाधन विभाग की ओर से जुलाई माह तक निर्माण कार्य पूरा करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

ईसरदा बांध के निर्माण से दौसा के 1079 गांवों और 5 शहरों तथा बौंली शहर सहित सवाई माधोपुर के 177 गांवों और एक शहर को पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी। ईसरदा बांध परियोजना जल संकट के समाधान के साथ-साथ बीसलपुर बांध के अधिशेष जल और बनास नदी के वर्षा जल का कुशल प्रबंधन भी सुनिश्चित करेगी। ईसरदा बांध से राम जल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी लिंक परियोजना) के तहत रामगढ़ बांध, बुचारा, चितौली आदि बांधों को पेयजल आपूर्ति की जाएगी। इससे बांधों के आसपास के क्षेत्रों और जयपुर जिले को भी पानी मिलेगा।

ईसरदा बांध बनास नदी पर बनाया जा रहा है
कृपया ध्यान दें कि यह बांध बीसलपुर बांध के डाउनस्ट्रीम में बनेठा गांव (तहसील उनियारा जिला टोंक) के पास बनास नदी पर बनाया जा रहा है। इसका निर्माण दो चरणों में किया जाना है। प्रथम चरण में बांध का निर्माण पूर्ण भराव स्तर आर.एल. 262.0 मीटर (भराव क्षमता 10.77 टी.एम.सी.) तक किया जाएगा। इसमें जल का संग्रहण पूर्ण भराव क्षमता आर.एल. 256.0 मीटर (3.24 टी.एम.सी.) तक ही किया जाना है। द्वितीय चरण में बांध अपनी पूर्ण भराव क्षमता आर.एल. 262.0 मीटर तक जल का संग्रहण कर सकेगा। परियोजना के प्रथम चरण हेतु 1038.65 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे कार्य प्रगति पर है।