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Tonk शहर के यूनानी अस्पताल के जीर्णोद्धार की मांग उठी

 
Tonk शहर के यूनानी अस्पताल के जीर्णोद्धार की मांग उठी

टोंक न्यूज़ डेस्क, आजादी के पूर्व के यूनानी अस्पताल का जीर्णोद्धार नहीं होने से लोगों को कई सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इस संबंध में लोगों ने उच्च अधिकारियों को पत्र भी लिखा है।

गौरतलब है कि यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में टोंक का नाम एक समय देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पहचाना जाता था. आजादी से पहले ही यहां यूनानी अस्पताल खोला गया था। जो 2013 तक ए लेवल यूनानी अस्पताल के रूप में संचालित था। उसके बाद यूनानी मेडिकल कॉलेज को सुव्यवस्थित करने के लिए इसे 5 वर्षों के लिए यूनानी मेडिकल कॉलेज के तहत विलय कर दिया गया। लेकिन स्थिति यह है कि पिछले 10 वर्षों से अब तक ए लेवल यूनानी अस्पताल का जीर्णोद्धार नहीं हो सका है. इसका मतलब है कि यह लगभग ख़त्म हो चुका है, हालाँकि इसे ख़त्म नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि जिस यूनानी अस्पताल को 5 साल के लिए मर्ज किया गया था, उसे 5 साल बाद ही स्वतंत्र रूप से संचालित करने की जरूरत थी। यदि वर्तमान ए लेवल यूनानी अस्पताल को स्वतंत्र रूप से चलाया जाता तो इसमें कम से कम 4 डॉक्टर और स्टाफ तो होते ही साथ ही मरीजों को सरकार की ओर से मुफ्त दवाओं का लाभ भी मिल पाता। यहां सारा स्टाफ स्थायी होने से कई जांच सुविधाएं भी मिल सकेंगी। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. लोगों ने इस स्थिति से उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया है। ताकि यूनानी अस्पताल बग्गी खाना में ए लेवल अस्पताल के तहत स्टाफ आदि की स्थाई नियुक्ति की जा सके। जिससे क्षेत्र के मरीजों को लाभ मिल सके।

गौरतलब है कि यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति समेत कई अधिकारी शामिल होंगे. ऐसे में क्षेत्र के प्रतिनिधि ए लेवल यूनानी अस्पताल के जीर्णोद्धार की मांग भी उनके समक्ष रखेंगे. अगर ए लेवल यूनानी अस्पताल को पहले की तरह बहाल कर दिया जाए तो कम से कम 4 डॉक्टरों के पद के साथ-साथ पूरे स्टाफ की स्थायी नियुक्ति हो सकती है. इसके अलावा सरकार की ओर से कई तरह की मुफ्त जांच सुविधाएं और दवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। जबकि मेडिकल कॉलेज में मर्ज हुए अस्पताल में ए लेवल इलाज जैसी सेवाएं नहीं दी जा रही हैं।