सड़क नहीं बनने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने निवाई विधायक को घेरा, तीखी बहस का वीडियो चर्चा में
गांव में सड़क निर्माण नहीं होने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा शुक्रवार को उस समय फूट पड़ा, जब उन्होंने निवाई विधायक रामसहाय वर्मा को सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान घेर लिया। इस दौरान माहौल उस वक्त और तनावपूर्ण हो गया, जब एक कार्यकर्ता ने विधायक का हाथ पकड़ लिया और माइक को नीचे कर दिया। घटना के दौरान विधायक और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस हुई, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
जानकारी के अनुसार विधायक रामसहाय वर्मा किसी कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान गांव में लंबे समय से सड़क नहीं बनने को लेकर नाराज कार्यकर्ता मंच के पास पहुंच गए और सवाल-जवाब करने लगे। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि कई बार शिकायत और मांग के बावजूद गांव की सड़क का निर्माण नहीं किया गया, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बहस बढ़ने पर एक कार्यकर्ता ने विधायक का हाथ पकड़ लिया और भाषण के दौरान माइक नीचे कर दिया। इससे कार्यक्रम स्थल पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मौके पर मौजूद अन्य कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया।
विवाद के दौरान कार्यकर्ताओं ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी भी की और सड़क निर्माण को लेकर जवाबदेही तय करने की मांग की। उनका कहना था कि चुनाव के समय सड़क बनाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद काम शुरू नहीं हुआ। बरसात के मौसम में हालात और खराब हो जाते हैं, जिससे ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित होता है।
विधायक रामसहाय वर्मा ने कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि सड़क निर्माण की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के चलते देरी हुई है, लेकिन समस्या को नजरअंदाज नहीं किया गया है। हालांकि कार्यकर्ता उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए और बहस जारी रही।
घटना के बाद राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है। भाजपा के अंदरूनी असंतोष के रूप में इस घटनाक्रम को देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क जैसी बुनियादी समस्या को लेकर जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है और जनप्रतिनिधियों को इसका सामना करना पड़ रहा है।
फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर पार्टी संगठन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि कार्यक्रम के दौरान हुई इस घटना ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सामने विकास कार्यों को लेकर बढ़ते दबाव को उजागर कर दिया है।
