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Tonk सौर ऊर्जा पंप प्लांट लगाने पर मिलेगी 60 प्रतिशत सब्सिडी

 
Tonk सौर ऊर्जा पंप प्लांट लगाने पर मिलेगी 60 प्रतिशत सब्सिडी

टोंक न्यूज़ डेस्क, कृषि विद्युत कनेक्शन के अभाव में डीजल इंजन चालित पंपों से खेतों की सिंचाई कर रहे किसानों के लिए रियायती दरों पर सौर ऊर्जा पंप प्लांट लगाने का सुनहरा मौका है। इस पर सरकार की ओर से 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान सौर ऊर्जा पंप प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम-कुसुम) स्टैंड अलोन सौर ऊर्जा पंप परियोजना (घटक बी) के अंतर्गत दिया जाएगा। पीएम-कुसुम-घटक बी के अंतर्गत 3, 5 एवं 7.5 हॉर्स पावर क्षमता के सौर ऊर्जा पंप प्लांट लगाने पर किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसमें 30 प्रतिशत अनुदान केंद्रीय कोष से जबकि 30 प्रतिशत राज्य कोष से है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को राज्य कोष से प्रति प्लांट प्रति किसान 45 हजार रुपये अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। पंप प्लांट की कुल लागत का 40 प्रतिशत किसान द्वारा स्वयं वहन किया जाता है।

किसान बैंक से अपने अंश राशि का 30 प्रतिशत तक ऋण प्राप्त कर सकते हैं। अनुदान तभी दिया जाएगा, जब सौर ऊर्जा पम्प प्लांट किसी अनुबंधित या सूचीबद्ध फर्म द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर स्थापित किया जाएगा। आपूर्तिकर्ता फर्म का चयन किसान द्वारा किया जाएगा। अनुदान राशि का भुगतान उद्यानिकी विभाग द्वारा संबंधित आपूर्तिकर्ता फर्म को दो चरणों में किया जाता है। पीएम कुसुम योजना घटक-बी के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में प्रदेश के सभी जिलों में एक लाख सौर ऊर्जा पम्प प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। आवेदन प्रक्रिया एवं स्वीकृति किसान सौर ऊर्जा पम्प प्लांट के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर ई-मित्र अथवा स्वयं की एसएसओ आईडी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

इस योजना का लाभ लेने के लिए ये दस्तावेज आवश्यक हैं: ऑनलाइन आवेदन करते समय किसानों को जनाधार कार्ड, भूमि जमाबंदी या पासबुक (भूमि स्वामित्व) की प्रति, सिंचाई जल स्रोत की उपलब्धता तथा विद्युत कनेक्शन न होने का शपथ पत्र ऑनलाइन भरना होगा। योजना की पात्रता: योजना में यथासंभव लघु एवं सीमांत कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। किसान के पास न्यूनतम 0.4 हेक्टेयर भूमि का भू-स्वामित्व होना आवश्यक है। अधिसूचित अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के आदिवासी किसानों को 3 और 5 एचपी क्षमता के पंप प्लांट के लिए 0.2 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व होना आवश्यक है। जिन किसानों के पास बिजली कनेक्शन नहीं है, जिनके पास भूमि स्वामित्व में सिंचाई के लिए जल संग्रहण संरचना, डिग्गी, खेत तालाब और पानी की टंकी बनी हुई है, उन्हें शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसान को एक स्वघोषित शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि जल स्रोत उपलब्ध है और डीजल चालित संयंत्र के माध्यम से सिंचाई की जा रही है। पात्र किसानों को कृषि और बागवानी फसलों में सिंचाई के लिए ड्रिप मिनी स्प्रिंकलर माइक्रो स्प्रिंकलर संयंत्रों का उपयोग करना आवश्यक है।